लोकसभा भाषाई विविधता का गवाह बनी। दिन था – सोमवार यानी 17 जून 2019। इस दिन को नवनिर्वाचित सांसदों ने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में शपथ ली। अधिकतर सांसदों ने हिंदी में शपथ ली, वहीं दिल्ली के सांसद हर्षवर्धन, मीनाक्षी लेखी और पहली बार सांसद बने प्रताप चंद्र सारंगी ने संस्कृत में शपथ ली। इस बीच केरल से कॉन्ग्रेस के सदस्य कोडिकुन्निल सुरेश ने हिंदी में शपथ लेकर सबको चौंका दिया। सुरेश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद शपथ लेने वाले दूसरे सदस्य थे। केरल के सांसद के इस कदम का अधिकांंश सदस्यों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया। इसमें खुद पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य भाजपा नेता शामिल थे। प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद सुरेश ने उनको बधाई भी दी।
Disgrace! https://t.co/zaICzPDwqr
— Naveen Joseph (@nvnstar) June 17, 2019
जब मोदी सरकार द्वारा अलग-अलग जगहों पर हिंदी को लागू करने के कदम का विभिन्न राज्यों द्वारा विरोध किया जा रहा है, ऐसे में सांसद कोडिरुन्निल द्वारा लोकसभा में हिंदी में शपथ लेने से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी खासा नाराज हो गईं। सोनिया ने इसके लिए सांसद को डांट भी लगाई कि उन्होंने मलयालम की जगह हिंदी में शपथ क्यों ली। इसके बाद सोनिया ने केरल के अन्य सांसदों को मलयालम या अंग्रेजी में शपथ लेने के लिए कहा। जानकारी के मुताबिक, केरल के कॉन्ग्रेस सांसद राजमोहन उन्नीथन, वी के श्रीकान्तन भी हिंदी में शपथ लेने वाले थे, मगर सोनिया गाँधी की नाराजगी को देखते हुए उन्होंने अपना फैसला बदल लिया।
कोडिकुन्निल सुरेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सोनिया गाँधी ने उनके शपथ लेने के बाद उनसे पूछा था कि उन्होंने हिंदी में शपथ क्यों ली। सुरेश ने बताया कि पिछली बार उन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली थी, इसलिए इस बार उन्होंने बदलाव के लिए हिंदी में शपथ ली। इससे पहले कोडिकुन्निल सुरेश 6 बार सांसद रह चुके हैं। कोडिकुन्निल सुरेश के बाद केरल के अन्य सांसदों ने अंग्रेजी या मलयालम में शपथ ली। केरल की एकमात्र महिला सांसद रेम्या हरिदास ने अंग्रेजी में शपथ ली।