प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में मतदान से ठीक 3 दिन पहले यानी आज संसद (लोकसभा बजट सत्र 2020) में बोलते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट बनाने का ऐलान कर दिया। उनके इस ऐलान के साथ ही पूरी संसद ‘जय श्री राम’ के नारों से गूँज गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि रामजन्मभूमि से जुड़ा मुद्दा उनके दिल के बहुत करीब है।
PM Modi in Lok Sabha: We have readied a scheme for the development of Ram Temple in Ayodhya. A trust has been formed, it is called ‘Sri Ram Janambhoomi Tirath Kshetra.’ pic.twitter.com/LOWDqzvuLU
— ANI (@ANI) February 5, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा। उन्होंने आह्वान किया कि पूरा देश भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक स्वर में समर्थन दे। यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण पर सभी फैसले लेगा। उन्होंने बताया कि 67.03 एकड़ भूमि इस ट्रस्ट को दे दी जाएगी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में राम मंदिर का निर्माण होगा।
PM Modi announces constitution of Ram Temple trust
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प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा, “मुझे आज इस सदन को, देश को बताते हुए यह खुशी हो रही है कि आज कैबिनेट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए हमने एक वृहद योजना तैयार की है।”
उन्होंने कहा, “सरकार ने श्री रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट गठन का प्रस्ताव किया है। यह ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण बनाने के लिए उत्तरदायी होगा। हमने 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के लिए अनुरोध किया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने मान लिया है।”
#BREAKING – Uttar Pradesh cabinet clears 5 acres of land to Sunni Central WAKF board for construction of Mosque in Ayodhya. pic.twitter.com/w3ubSf7rvz
— News18 (@CNNnews18) February 5, 2020
बता दें कि पिछले साल तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ ने 9 नवंबर को सदियों पुराने मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जिसमें उन्होंने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। इसके अलावा कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में ही मस्जिद के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाने की बात कही थी। अदालत ने कहा था कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन अब केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे। पीठ ने केंद्र सरकार से कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए।