Friday, October 4, 2024
Homeराजनीतिसंसद के इतिहास में सबसे उत्पादक रहा यह मानसून सत्र: 10 दिन में पास...

संसद के इतिहास में सबसे उत्पादक रहा यह मानसून सत्र: 10 दिन में पास हुए 25 विधेयक, उत्पादकता रही 167%

इन विधेयकों के पास होने के साथ ही 17वीं लोकसभा के दूसरे मानसून सत्र ने संसद में एक नया इतिहास रच दिया। इस सत्र की उत्पादकता 167 फीसद रही। अब से पहले केवल 8 वीं लोकसभा के तीसरे मानसून सत्र की उत्पादकता 163 फीसदी पहुँची, जिसे आज तक रिकॉर्ड माना जाता था।

कोरोना वायरस के कारण संसद का मानसून सत्र 10 दिन में ही खत्म कर दिया गया। लोकसभा और राज्यसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले 14 सितंबर से 23 सितंबर तक बिना किसी साप्ताहिक छुट्टी के संसद में रोज कार्यवाही चली। इस बीच 25 बिल पास किए गए।

इन विधेयकों के पास होने के साथ ही 17वीं लोकसभा के दूसरे मानसून सत्र ने संसद में एक नया इतिहास रच दिया। बता दें, इस सत्र की उत्पादकता 167 फीसद रही। अब से पहले केवल 8 वीं लोकसभा के तीसरे मानसून सत्र की उत्पादकता 163 फीसदी पहुँची, जिसे आज तक रिकॉर्ड माना जाता था।

आइए बताते हैं कि इस सत्र में पास होने वाले ये बिल कौन-कौन से हैं व इन्हें कौन सी तारीख को पास किया गया?

14 सितबंर 2020:

लोकसभा के मानसून सेशन में आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) के दो बिल सर्वसम्मति से पास कर दिए गए। लोकसभा में नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी बिल 2020 और नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल 2020 को पास कर दिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुष मंत्री श्रीपद नायक की अनुपस्थिति में दोनों बिल निचले सदन में पेश किए थे।

15 सितंबर 2020

लोकसभा में द सैलरी एंड अलाउंस ऑफ मिनिस्टर्स अमेंडमेंट बिल- 2020 पास किया गया। इस बिल के अनुसार अब मंत्रियों व सांसदों के वेतन और भत्तों में 30 फीसदी की कटौती की जा सकती है।

16 सितंबर 2020

बैंकिंग रेगुलेशन बिल 2020, इस नए कानून के तहत अब देशभर के सहकारी बैंक आरबीआई की देखरेख में काम करेंगे। इस बिल में यह संशोधन जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए लाया गया है, ताकि पीएमसी बैंक घोटाला जैसे स्कैम से बचा जा सके।

केंद्र सरकार ने देश में co-operative banks की लगातार बिगड़ती वित्तीय स्थिति और घोटाला (Scam) के मामले सामने आने के बाद बैंकिंग रेगुलेशन ऐक्ट, 1949 में संशोधन का फैसला किया था।

17 सितंबर 2020

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020: इस विधेयक के तहत सरकार की योजना है कि एक फसल उत्पाद को लेकर ऐसा तंत्र विकसित हो जहाँ किसान मनचाहे स्थान पर फसल बेच सकें। इसके जरिए किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं।

कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक में, किसानों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था का प्रावधान है। भुगतान सुनिश्चित करने हेतु प्रावधान है कि देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाएँ। मूल्य के संबंध में व्यापारियों के साथ बातचीत करने के लिए किसानों को सशक्त बनाने हेतु प्रावधान है कि केंद्र सरकार, किसी भी केंद्रीय संगठन के माध्यम से, किसानों की उपज के लिए मूल्य जानकारी और मंडी आसूचना प्रणाली विकसित करेगी।

18 सितंबर 2020

इस संसद सत्र में विनियोग विधेयक (संख्या 3), विनियोग विधेयक (संख्या 4) भी पारित किए गए। विनियोग (संख्या 4) विधेयक, 2020 वित्त वर्ष 2020-21 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि से कुछ और धन के भुगतान को अधिकृत करता है। वहीं विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2020 भारत की संचित निधि से 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान कुछ सेवाओं पर खर्च राशि की पूर्ति के लिए धन के विनियोजन को अधिकृत करता है। ये राशि इन सेवाओं के लिए और उस वर्ष के लिए प्रदान की गई राशि के अतिरिक्त है।

19 सितंबर 2020

कराधान और अन्य कानून विधेयक 2020: इसमें विधेयक में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कानूनों में नियमों के अनुपालन संबंधी कुछ बदलाव किए गए हैं। विधेयक में आयकरदाताओं को पिछले वित्त वर्ष (2019- 20) की रिटर्न दाखिल करने के मामले में समयसीमा को बढ़ाया गया है।

इसके साथ ही स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार से जोड़ने की समयसीमा को भी बढ़ा दिया गया है। विधेयक में प्रधानमंत्री के आपात स्थिति नागरिक सहायता एवं राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में दिए गए अनुदान पर कर लाभ देने का भी प्रावधान किया गया है।

कंपनी (संशोधन) विधेयक, मॉनसून सत्र के छठे दिन लोकसभा में कंपनी संशोधन विधेयक 2020 भी पास हुआ। यह कंपनी अधिनियम में संशोधन कर तकनीकी और अन्य छोटी गलतियों को फौजदारी अपराध की श्रेणी से हटाकर दीवानी अपराध की श्रेणी में डालने, छोटी कंपनियों पर जुर्माना कम करने और उनके लिए कारोबार आसान बनाने के लिए पास हुआ।

20 सितंबर 2020

सत्र के एक हफ्ते बाद राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक, 2020 को संक्षिप्त चर्चा के बाद मंजूरी मिली। इस विधेयक में गुजरात में एक राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है।

इसी प्रकार राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक, 2020 में गुजरात फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के रूप में उन्नयन करने का प्रस्ताव किया गया है।

इसके अलावा मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, अर्हित वित्तीय संविदा द्विपक्षीय नेटिंग विधेयक को भी इसी दिन मंजूरी मिली।

21 सितंबर 2020

विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन विधेयक; दि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (दूसरा संशोधन) विधेयक; महामारी रोग (संशोधन) विधेयक; फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक पास किए गए।

22 सितंबर 2020

सत्र के 9वें दिन कई विधेयकों को पारित किया गया। इनमें केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक; भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक; जम्मू और कश्मीर आधिकारिक भाषा बिल व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति कोड; औद्योगिक संबंध कोड; सामाजिक सुरक्षा कोड शामिल थे।

23 सितंबर 2020

महापत्तन प्राधिकरण विधेयक (The Major Port Authorities Bill) 2020 को मंजूरी दे दी जिसमें देश में बंदरगाहों के विनियमन, प्रचालन और योजना के लिए तथा महापत्तन प्राधिकरण के बोर्डों में ऐसे बंदरगाहों के प्रशासन, नियंत्रण और प्रबंधन के संबंध में प्रावधान हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पति-पत्नी के बीच सेक्स और इच्छा: मैरिटल रेप को अपराध बनाना कठोर कदम, ‘शादी एक संस्था’ पर आधारित केंद्र का सुप्रीम कोर्ट को जवाब

केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर 'वैवाहिक बलात्कार' को अपराध बनाने को अत्यधिक कठोर और असंगत बताया है।

मासूम खान ने बनाया इस्लाम नगर, 100 एकड़ में फैला… कब्जा कर ली थी सरकारी वन भूमि: ओडिशा में पटनायक सरकार में रोड-बिजली-तालाब भी...

ओडिशा के मलकानगिरी जिले के मोटू क्षेत्र में वन क्षेत्र के एक बड़े भूभाग पर कब्जा करके ‘इस्लाम नगर’ स्थापित दिया गया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -