उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा के साथ-साथ AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की नई-नई ‘राम भक्ति’ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये सपा-बसपा-कॉन्ग्रेस और अब एक दिल्ली वाले भी पहले भगवान श्री राम को गाली देते थे और अब माथा टेकने अयोध्या जा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इस प्रदेश में सपा, बसपा और कॉन्ग्रेस को शासन करने का अवसर नहीं मिला था?
वहीं उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या उत्तर प्रदेश के प्रति उनकी जिम्मेदारी नहीं थी? सीएम योगी ने कहा, “एक दिल्ली वाले हैं। उन्होंने तो यूपी-बिहार वालों को ही दिल्ली से भगा दिया। वो कह रहे हैं कि ये फ्री देंगे, वो फ्री देंगे। जब अवसर मिला था कुछ करने का, तब सबसे पहले इन्होंने यूपी के नागरिकों को दिल्ली से भगाने का काम किया था। इनको बताने की ज़रूरत है। एक छोटी सी दिल्ली संभाल नहीं पाए। यूपी-बिहार के लोगों को वहाँ से भगा दिया।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब राज्य में विधानसभा का चुनाव आ रहा है, तब उन्हें उत्तर प्रदेश नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, “पहले भगवान राम को गाली देते थे। लेकिन, आज जब लगता है कि अब राम के बिना नैया पार होने वाली नहीं है, तो अब अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने आ रहे हैं। अच्छी बात है। कम से कम राम के अस्तित्व को, राम के महत्व को उन्होंने स्वीकार तो किया। अन्यथा विपक्षी दलों का कोई नेता ऐसा नहीं है, जिसने 6 दिसंबर 1992 को स्वर्गीय बाबूजी (दिवंगत कल्याण सिंह) को कोसा न हो, कटघरे में न खड़ा किया हो।”
ये सपा-बसपा-कांग्रेस और अब एक दिल्ली वाले भी पहले भगवान श्री राम को गाली देते थे और अब माथा टेकने अयोध्या जा रहे हैं: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath#BJP4UP pic.twitter.com/KyD5lOEFFA
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) October 26, 2021
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने एक रैली में कहा था, “जब बाबरी मंदिर का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” केजरीवाल ने मार्च 2014 में ये बयान दिया था। एक अन्य बयान में उन्होंने ‘मंदिर वहीं बनाएँगे, पर तारीख़ नहीं बताएँगे’ वाले नैरेटिव को आगे बढ़ाया था।