अमित शाह ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में न सिर्फ़ भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवारलाल नेहरू पर निशाना साधा बल्कि इतिहास फिर से लिखे जाने की बात की। शाह ने जम्मू कश्मीर और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के परिप्रेक्ष्य में बात करते हुए यह सब कहा। अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में लेकर जाना सबसे बड़ी भूल थी। उन्होंने कहा कि नेहरू ग़लत चार्टर के साथ आईसीजे में गए। उन्होंने सवाल किया कि जब भारतीय सेना जीत रही थी तो आख़िर नेहरू ने युद्ध विराम की घोषणा की ही क्यों?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठन ‘संकल्प’ द्वारा आयोजित कार्यशाला में अमित शाह ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आज भी जम्मू कश्मीर और अनुच्छेद 370 को लेकर कई अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन अफवाहों पर स्थिति स्पष्ट करना और लोगों तक सच्चाई पहुँचनी जरूरी है। बकौल शाह, जम्मू कश्मीर 1947 से ही चर्चा और विवाद का विषय रहा है लेकिन दुखद यह है कि लोगों के समक्ष छेड़छाड़ किया हुआ इतिहास पेश किया गया।
कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया।
— BJP (@BJP4India) September 29, 2019
क्योंकि जिनकी गलतियां थीं उनके हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी आई।
उन्होंने अपनी गलतियों को सील्ड करके जनता के सामने रखा।
अब समय आ गया है इतिहास सच्चा लिखा जाए और सच्ची जानकारी जनता के सामने रखी जाए: श्री अमित शाह pic.twitter.com/TR0vUeYWG1
अमित शाह ने कहा, “चूँकि इतिहास लिखने-लिखवाने की ज़िम्मेदारी उन्हीं लोगों के पास थी, जिन्होंने एक के बाद एक कई गलतियाँ की थीं, परिणामस्वरूप सही तथ्य लोगों तक नहीं पहुँच पाए और सच्चाई छिप गई। अब सही इतिहास लिख कर लोगों के सामने पेश करने का समय आ गया है। अब ग़लत इतिहास में सुधार करने का वक़्त आ चुका है।”
Home Minister Amit Shah: Since the responsibility of writing history was in the hands of the same people who had committed mistakes, so as a result true facts were hidden. I think time has come that correct history is written & presented before people. (2/2) https://t.co/dv3QTAJHZA pic.twitter.com/OvhzsETGgV
— ANI (@ANI) September 29, 2019
अमित शाह ने इस दौरान ‘संकल्प’ से जुड़े देश भर के कई वर्तमान व सेवानिवृत्त अधिकारियों को सम्बोधित किया। इस कार्यक्रम में आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल शर्मा भी मंच पर उपस्थित थे। ‘संकल्प’ यूपीएससी की कोचिंग देता है और साथ ही छात्रों को राष्ट्रीयता का पाठ भी पढ़ाता है। इससे जुड़े कई छात्र सरकारी सेवाओं में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और कार्यरत हैं।
अमित शाह ने इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की आज़ादी के बाद 30 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन जम्मू-कश्मीर को अटूट औरअखंड रूप से एक करने में 5 अगस्त, 2019 तक का समय लग गया। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 पर उनकी पार्टी का स्टैंड स्थापना से लेकर अभी तक वही है।