तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के सांसद शांतनु सेन को अनुशासनहीनता दिखाने के कारण राज्यसभा के मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया है। सेन ने गुरुवार (22 जुलाई 2021) को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से स्टेटमेंट पेपर छीना था और फाड़ कर फेंक दिया था।
TMC MP Santanu Sen suspended from Rajya Sabha for this entire session, a day after he snatched papers from IT Minister Ashwini Vaishnaw and tore them in the House.
— ANI (@ANI) July 23, 2021
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ज्ञात हो कि गुरुवार को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस मामले पर स्टेटमेंट देने के लिए खड़े हुए थे। इस दौरान राज्यसभा में तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसदों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने आईटी मंत्री के हाथ से स्टेटमेंट पेपर छीनकर फाड़ दिया। इतना ही नहीं, सेन ने पेपर फाड़ने के बाद उसके टुकड़े उपसभापति की कुर्सी की तरफ उछाल दिए। इसके बाद मार्शल को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा। वहीं, कुछ अन्य विपक्षी सांसद सदन के वेल में पहुँचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
उपसभापति हरिवंश ने वैष्णव को अपना बयान पूरा करने देने के लिए विरोध करने वाले सांसदों से अपनी-अपनी सीटों पर वापस जाने का आग्रह किया। हालाँकि, कागज छीनने और फाड़ने की वजह से मंत्री अपना पूरा स्टेटमेंट नहीं पढ़ पाए और उन्होंने इसकी एक प्रति सदन के पटल पर रख दी। इस पूरे हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही को शुक्रवार (23 जुलाई 2021) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
शुक्रवार को राज्यसभा सत्र के दौरान सभापति एम वेंकैया नायडू ने आईटी मंत्री वैष्णव के हाथ से पेपर छीनने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सदन में जो भी हुआ, वह सही नहीं था और एक मंत्री के हाथ से पेपर छीनकर उसे फाड़ना इस सदन की कार्यवाही का निम्नतम बिन्दु था। नायडू ने यह भी कहा कि ऐसी हरकतें सीधे तौर पर संसदीय लोकतंत्र पर आघात है। इसके पहले 21 सितंबर 2020 को भी सदन में अनैतिक व्यवहार के चलते टीएमसी के डेरेक ओ’ ब्रायन और AAP सांसद संजय सिंह समेत 8 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित किया गया था।
ज्ञात हो कि राज्यसभा की नियमावली के नियम क्रमांक 255 के मुताबिक किसी भी सदस्य के निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है। राज्यसभा के सभापति नियम संख्या 255 के तहत अपनी राय में किसी भी सदस्य के आचरण को अत्यंत नियम-विरुद्ध पाए जाने पर, उसे तत्काल सदन से बाहर जाने के लिए निर्देशित कर सकते हैं। टीएमसी सांसद शांतनु सेन के मामले में भी सदन में निलंबन का प्रस्ताव रखा गया जो बहुमत से पारित हो गया। इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सेन को सदन छोड़ने का आदेश दिया।