Wednesday, April 17, 2024
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सुवेंदु अधिकारी के भाई ने भी थामा भाजपा का दामन: 14 टीएमसी पार्षद भी साथ में हुए शामिल, बंगाल में तेज हुई हलचल

सुवेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने से बौखलाए ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार ने हालही में पश्चिम बंगाल में उनके भाई सौमेंदु अधिकारी को कोंताई नगर पालिका के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और उनकी जगह सिद्धार्थ मैत्री को नियुक्त किया था।

ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को एक और बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उनके साथ कोंताई नगर पालिका के 14 अन्य टीएमसी पार्षद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। सौमेंदु अधिकारी नगर पालिका के अध्यक्ष थे, लेकिन अमित शाह की उपस्थिति में सुवेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था।

दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिन पहले ही टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने सुवेंदु को अपने पिता और भाइयों को टीएमसी से बीजेपी में शिफ्ट करने में नाकाम रहने के लिए ताना मारा था।

सुवेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने से बौखलाए ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार ने हालही में पश्चिम बंगाल में उनके भाई सौमेंदु अधिकारी को कोंताई नगर पालिका के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और उनकी जगह सिद्धार्थ मैत्री को नियुक्त किया था। यह फैसला शहरी विकास और नगर मामलों के मंत्रालय ने फरहाद हकीम के नेतृत्व में लिया था, जो सीएम ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी हैं।

सुवेंदु ने हालिया एक बैठक में दावा किया था कि सौमेन्दु कुछ पार्षदों और तृणमूल कॉन्ग्रेस के 5,000 कार्यकर्ताओं के साथ दिन में भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि तृणमूल कॉन्ग्रेस जल्द ही ढह जाएगी।

भाजपा में सुवेंदु और सौमेंदु अधिकारी का शामिल होना निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए चिंता का विषय है, खासकर पार्टी से बागी होकर भाजपा में शामिल होने वाले दिग्गज नेताओं का 2021 विधानसभा चुनावों को मद्देनजर टीएमसी के संबंधित गढ़ों के लोगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

इस बीच, गुरूवार को भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की, जिसमें उन्हें पूर्व मेदिनीपुर जिले के कोंताई नगरपालिका के प्रशासक के पद से हटाने के निर्णय को चुनौती दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सौमेंदु अधिकारी ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार के नगर मामलों के विभाग द्वारा नागरिक निकाय के प्रशासक के पद से अवैध रूप से हटा दिया गया था।

गौरतलब है कि 17 दिसंबर को, सुवेंदु अधिकारी ने औपचारिक रूप से तृणमूल कॉन्ग्रेस से नाता तोड़ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने फॉलोवर्स को संबोधित करते हुए पार्टी नेताओं को दरकिनार करने के लिए ममता बनर्जी को दोषी ठहराते हुए एक पत्र लिखा था और आरोप लगाया था कि ममता ने पार्टी के आदर्शों के साथ विश्वासघात किया है।

सुवेंदु अधिकारी के पिता और कांथी सांसद सिसिर कुमार अधिकारी और उनके भाई दिब्येंदु अधिकारी और तमलुक से सांसद अभी भी टीएमसी के नेता हैं। अभी इस बात को लेकर कोई खबर सामने नहीं आई है कि वे कब भाजपा में शामिल होंगे। ममता बनर्जी ने पिछले महीने सिसिर अधिकारी को उन पार्टी नेताओं से दूर रहने के लिए कहा था जो कथित रूप से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। बनर्जी ने सिसिर अधिकारी को टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी के साथ काम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि नंदीग्राम, हल्दिया, कोंताई, नंदनकुमार और रामनगर जैसे स्थानों पर पार्टी के बागी नेताओं को लॉयल नेताओं से बदल दिया जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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