फोन टैपिंग के मुद्दे पर लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की पूछताछ में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कॉन्ग्रेस नेता अशोक गहलोत पर आरोप लगाए हैं। अपने लिखित बयान में शर्मा ने फोन टैपिंग में अपनी भूमिका से इनकार किया और गहलोत से पूछताछ करने की माँग की। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान शर्मा उनके OSD थे। उन्होंने तत्कालीन DGP, गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सीएम के प्रमुख सचिव पर भी गंभीर आरोप लगाए।
अशोक गहलोत के मीडिया संबंधों को सँभालने वाले शर्मा ने सात पन्नों के अपने बयान में कहा कि 16 जुलाई 2020 को अशोक गहलोत ने उन्हें एक पेन ड्राइव दी और इसे मीडिया में लीक करने के लिए कहा था। अशोक गहलोत ने ये सब उस समय किया था, जब सचिन पायलट के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस विधायकों का एक समूह उनकी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी।
शर्मा ने कहा कि उन्होंने पेन ड्राइव ले ली और उसे घर ले जाकर उसके कंटेंट को अपने लैपटॉप पर डाउनलोड किया। इसके बाद उसे अपने फोन में ट्रांसफर कर लिया। इसके बाद सीएम अशोक गहलोत के निर्देशानुसार सारी क्लिप मीडिया को भेज दी। उन्होंने कहा कि जब रिकॉर्डिंग वायरल हुई तो उन्हें पता चला कि वे बागी विधायकों और कुछ भाजपा नेताओं के बीच टैप की गई बातचीत की क्लिप थीं।
अपने बयान में शर्मा ने कहा, “अशोक गहलोत ने मुझे एक क्लिप मीडिया को भेजने को कहा था। मुझे नहीं था कि इस पेन ड्राइव में क्या है? गहलोत के निर्देश थे कि क्राइम ब्रांच में जाकर यह कहना है कि यह ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिली। गहलोत कॉन्ग्रेस विधायकों की फोन टैप की रिकॉर्डिंग सुनते थे। ये ऑडियो क्लिप कहाँ से आई, इसके लिए अशोक गहलोत से पूछताछ की जानी चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2020 में राजस्थान सरकार पर छाए संकट के दौरान उनके समर्थक और बागी, दोनों पक्ष के विधायकों के फोन टैप किए गए थे। शर्मा ने अपनी जान को भी खतरा बताया है और अपने तथा अपने परिवार के लिए सुरक्षा की माँग की है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने लोकेश शर्मा पर गैरकानूनी तरीके से टेलीफोन पर बातचीत को रोकने का आरोप लगाया है।
लोकेश शर्मा ने कहा, “कहा जाता है कि मैंने फोन टैपिंग की। मुझ पर जो एफआईआर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने करवाई है, उसमें लिखा हुआ है कि उनके फोन को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट करके उसकी रिकॉर्डिंग को वायरल किया गया। हालाँकि, मैंने हमेशा यही कहा है कि फोन टैपिंग से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।” शर्मा ने कहा कि उन्होंने वही किया, जो उनके बॉस अशोक गहलोत आदेश दे रहे थे।
दरअसल, राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच साल 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई थीं। इन क्लिप में ऐसा लग रहा था कि भाजपा नेता अशोक गहलोत की सरकार को गिराने के लिए सचिन पायलट के खेमे के कॉन्ग्रेस विधायकों से बात कर रहे थे। ऑडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक बवाल हो गया।
मामले की जाँच के लिए अशोक गहलोत ने राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह को सौंप दिया। इसमें भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से आवाज का नमूना देने के लिए कहा गया। ऑडियो में सुनाई दे रही एक आवाज को उनकी आवाज बताई गई थी। इसके बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने साल 2021 में दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच में लोकेश शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज कराई।