महाराष्ट्र में गुरुवार (28 नवंबर) को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती देवेंद्र फडनवीस से बहुत कुछ सीखा है और वे हमेशा उनके दोस्त रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा “मैं आपको विपक्ष को नेता नहीं कहूँगा, बल्कि एक पार्टी का बड़ा ज़िम्मेदार नेता कहूँगा।”
रविवार (1 दिसंबर) को राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं अभी भी ‘हिन्दुत्व’ की विचारधारा के साथ हूँ और इसे कभी नहीं छोड़ूँगा। पिछले पाँच वर्षों में, मैंने कभी सरकार के साथ विश्वासघात नहीं किया है।”
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: I won’t call you (Devendra Fadnavis) an ‘Opposition leader’, but I will call you a ‘responsible leader’. If you would have been good to us then, all this (BJP-Shiv Sena split) would have not happened. pic.twitter.com/9CfT84S6nV
— ANI (@ANI) December 1, 2019
इसके आगे उन्होंने कहा, “मैं एक भाग्यशाली मुख्यमंत्री हूँ क्योंकि जिन्होंने मेरा विरोध किया वे अब मेरे साथ हैं। और जो मेरे साथ थे, वे अब विपरीत दिशा में बैठे हैं। मैं यहाँ अपनी क़िस्मत और लोगों के आशीर्वाद के साथ आया हूँ। मैंने कभी किसी को नहीं बताया कि मैं यहाँ आऊँगा, लेकिन मैं आ गया।”
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: I am a lucky CM because those who opposed me are now with me and those who I was with are now on the opposite side. I am here with my luck and blessings of people. I have never told anyone that I will be coming here but I came. pic.twitter.com/fobggtTIFj
— ANI (@ANI) December 1, 2019
इसके अलावा, उद्धव ठाकरे ने अपने उन विरोधियों की आलोचना की जिन्होंने एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ हाथ मिलाकर अपनी पार्टी की हिन्दुत्व विचारधारा को कमज़ोर करने का आरोप लगाया था।
ग़ौरतलब है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री की सीट को लेकर काफ़ी लंबा विवाद चला। 23 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सभी को चौंका दिया था। लेकिन, बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों के चलते राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं बन पाई और 28 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
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