इंग्लैंड (यूनाइटेड किंग्डम) में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार ( new strain of coronavirus) का पता चला है। कोरोना वायरस के इस नए प्रकार का संक्रमण दर बहुत ज्यादा है। इस खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने जरूरी कदम उठाते हुए इंग्लैंड से आने वाली सभी उड़ानों को 31 दिसंबर की रात 11 बज कर 59 मिनट तक सस्पेंड कर दिया है।
As a measure of abundant precaution, passengers arriving from UK in all transit flights (flights that have taken off or flights which are reaching India before 22nd Dec at 23.59 hrs) should be subject to mandatory RT-PCR test on arrival at the airports concerned.
— MoCA_GoI (@MoCA_GoI) December 21, 2020
भारत सरकार द्वारा लगाया गया यह सस्पेंशन 22 दिसंबर की रात 11 बज कर 59 मिनट से लागू होगी।
22 दिसंबर की रात 11 बज कर 59 मिनट से पहले पहुँचने वाली फ्लाइट से आए सभी यात्रियों का एयरपोर्ट पर ही RT-PCR टेस्ट किया जाएगा।
भारत में इस नए खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज सोमवार (21 दिसंबर 2020) को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी। यह मीटिंग जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप के साथ हुई।
New mutation of corona virus has emerged in UK, which is a super-spreader.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 21, 2020
I urge central govt to ban all flights from UK immediately.
इस मीटिंग के बाद अरविंद केजरीवाल से लेकर अशोक गहलोत तक ने इंग्लैंड से आने वाली फ्लाइट को बंद करने का अनुरोध भारत सरकार से किया। हालाँकि ये वही राजनेता हैं, जो पहले के लॉकडाउन को लेकर राजनीति भी करते रहे हैं।
When coronavirus had started spreading, we were late in banning international flights, which had led to a drastic spike in cases.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 21, 2020
इंग्लैंड के अलावा कोरोना वायरस के इस नए प्रकार का संक्रमण नीदरलैंड, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भी पाया गया है। नीदरलैंड और बेल्जियम ने कोरोना वायरस के नए प्रकार का पता चलने के बाद इंग्लैंड से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। इनके अलावा कई अन्य देश भी इंग्लैंड की उड़ानों पर रोक को लेकर सोच-विचार कर रहे हैं। यूरोप के कई देशों ने इंग्लैंड बॉर्डर को सील कर दिया है।
इंग्लैंड के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रोफेसर क्रिस विट्टी ने कोरोना वायरस के नए प्रकार के बारे में कहा, “हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बता दिया है। साथ ही कोरोना वायरस के नए प्रकार के बारे में समझने के लिए उपलब्ध जानकारी का अध्ययन कर रहे हैं। हालाँकि फिलहाल इस बात को साबित करने का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है कि वायरस का यह नया प्रकार अधिक घातक है या नहीं।”