पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाए जाने के बाद अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बंगाल सीएम पर निशाना साधा है। उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस फैसले से उन लोगों में न्याय का विश्वास जगेगा जिन्हें प्रताड़ित किया गया, जिन्हें घर से निकाला गया, या जिनकी हत्या हुई और महिलाएँ जिनका बलात्कार हुआ।
I express my gratitude to court as this will give believe to people who were harassed, murdered, & women who were raped that they will get justice. I’m seeing for first time in our democracy that CM is watching people dying because they didn’t vote for her: Union Min Smriti Irani https://t.co/KRINh76b1v pic.twitter.com/vMPIa5hLIQ
— ANI (@ANI) June 21, 2021
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने कहा,
“मैं हमारे लोकतंत्र में पहली बार देख रही हूँ कि शायद सीएम लोगों को मरते हुए देख रही हैं क्योंकि उन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया था। पहली बार ऐसा हुआ है हमारे देश में कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, हजारों लोग अपने घरों/गाँवों को छोड़कर सीमा पार कर रहे हैं और रहम की भीख माँग रहे हैं कि हम धर्म बदलने के लिए तैयार हैं। लेकिन ममता बनर्जी और तृणमूल हमें बख्स दे। महिलाओं को उनके घरों से उठाकर खुलेआम बलात्कार किया जा रहा है, चाहे वह दलित हो या आदिवासी महिला हो। एक 60 वर्षीय महिला यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुँची कि उसके 6 साल के पोते के सामने सिर्फ इसलिए बलात्कार किया गया क्योंकि वह एक भाजपा कार्यकर्ता थी। सीएम चुप रहकर और कितने रेप देखेंगी? पहले तो उनके हाथ खून से सने हुए थे अब दामन पर भी महिला के साथ होते अत्याचार के दाग हैं।”
#WATCH | Probably for the first time in our democracy, I’m seeing a CM witnessing people being murdered because they didn’t vote for her party…Pahle to unke (Mamata Banerjee) haath khoon se sane hue the, ab daaman par bhi mahila ke atyachar ke daag hain: Union Min Smiriti Irani pic.twitter.com/XZ2p42C3uQ
— ANI (@ANI) June 21, 2021
उल्लेखनीय है कि आज कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चुनाव के बाद हिंसा के मामले में राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिया। इस याचिका में हाईकोर्ट से उनके 18 जून वाले आदेश को वापस लेने को कहा गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को कई शिकायतें की गई हैं, लेकिन राज्य का कहना है कि कोई शिकायत नहीं मिली है।
Post-poll violence in West Bengal: Five judges bench of the Calcutta High Court dismisses the petition to recall or stay its June 18th order directing National Human Rights Commission (NHRC) to constitute a committee for examining complaints and submitting a report to them. pic.twitter.com/TqCzwgTrM9
— ANI (@ANI) June 21, 2021
बता दें कि इससे पहले इस संबंध में 18 जून को हाईकोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को एक कमेटी गठित कर राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की सभी घटनाओं की जाँच करने का निर्देश दिया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की पीठ ने 18 जून को मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को निर्देश दिया था कि वह चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों की जाँच के लिए एक समिति गठित करें।