संसद में चल रहे मानसून सत्र के दूसरे हफ्ते (8वें दिन) विपक्ष ने आज (जुलाई 28, 2021) पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानून के विरोध में जमकर हंगामा किया। सामने आई तस्वीरों में देख सकते हैं कि विपक्षी नेता कैसे संसद की कार्यवाही को बाधित करके वहाँ हल्ला कर रहे हैं और विरोध करने के नाम पर पर्चे उछाल रहे हैं। एक तस्वीर में देख सकते हैं कि संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी को निशाना बनाते हुए विपक्षी सांसद ने उनपर कागज और फाइलें फेंकीं।
सदन में विपक्षी नेताओं का आक्रमक रवैया देखते हुए सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। हल्ला करने वालों में कॉन्ग्रेस और टीएमसी के सांसद थे। उन्होंने ही कागजों को फाड़कर बेंच पर फेंका। इस माहौल को देख सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं ने आपत्ति भी जताई। नेता बोले कि इस तरह के ‘अनियंत्रित’ व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और लोगों के ज्ञान में लाया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “कॉन्ग्रेस और टीएमसी सांसदों ने कोशिश की कि आज संसद न चलने दें। वे अपना विरोध दर्ज करवा सकते हैं लेकिन उसकी भी एक सीमा होती है। उन्होंने स्पीकर, मंत्रियों और यहाँ तक कि मीडिया गैलरी पर भी कागज फेंके और तख्तियाँ दिखाईं। विपक्ष चर्चाओं से क्यों भाग रहा है?”
उल्लेखनीय है कि सदन में दिखा विपक्ष का अमर्यादित रवैया पहली दफा नहीं है। इससे पहले तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के सांसद शांतनु सेन को अनुशासनहीनता दिखाने के कारण राज्यसभा के मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया था। सेन ने गुरुवार (22 जुलाई 2021) को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से स्टेटमेंट पेपर छीना था और फाड़ कर फेंक दिया था।
उस दिन आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस मामले पर स्टेटमेंट देने के लिए खड़े हुए थे। उस दौरान राज्यसभा में तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसदों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने आईटी मंत्री के हाथ से स्टेटमेंट पेपर छीनकर फाड़ दिया। इतना ही नहीं, सेन ने पेपर फाड़ने के बाद उसके टुकड़े उपसभापति की कुर्सी की तरफ उछाल दिए। इसके बाद मार्शल को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा। वहीं, कुछ अन्य विपक्षी सांसद सदन के वेल में पहुँचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।