उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने के लिए प्रियंका गाँधी वाड्रा हर मुमकिन प्रयास करती नजर आ रही हैं। अभी हाल ही में उन्होंने संघर्षशील युवा नेताओं की एक टीम का गठन किया है और यूपी की जनता का विश्वास जीतने के लिए प्रयास भी कर रही हैं। लेकिन इसी बीच पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने ऊपर युवा नेतृत्व थोपे जाने का आरोप मढ़ते हुए उनकी नीति और निर्णयों के ख़िलाफ़ बगावत की है। इसके बाद प्रदेश कॉन्ग्रेस ने अपने पार्टी के 11 वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ़ गुरुवार को सख्त कदम उठाया है। जिसके तहत इन नेताओं को न केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, बल्कि 24 घंटे के भीतर जवाब तलब कर अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न किए जाने का संदेश दिया है।
ये ‘कारण बताओ’ नोटिस जिन 11 नेताओं को भेजे गए हैं, उनमें पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, राम कृष्ण द्विवेदी, पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेहंदी, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, भूधर नारायण मिश्रा, हाफिज मो उमर, नेक चंद्र पांडेय और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य राजेन्द्र सिंह सोलंकी, पूर्व अध्यक्ष यूथ कॉन्ग्रेस स्वयं प्रकाश गोस्वामी और गोरखपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव सिंह के नाम शामिल हैं। और इसे कॉन्ग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य पूर्व विधायक अजय राय की ओर से भेजा गया है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार इस नोटिस में लिखा है, “आप लोगों द्वारा विगत कुछ समय से प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी से संबंधित अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी के निर्णयों पर लगातार अनावश्यक रूप से सार्वजनिक तौर पर बैठक कर विरोध किया जा रहा है। इन बैठकों और मीडिया वक्तव्यों से कॉन्ग्रेस पार्टी की छवि धूमिल हुई है। आप जैसे वरिष्ठ नेताओं से ऐसी अपेक्षा नही थी। आपका यह आचरण पार्टी की नीतियों और आदर्शों के विपरीत है। आप लोगों का ये कृत्य अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। आप 24 घंटे में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि उक्त आचरण के विरुद्ध क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।”
गौरतलब है कि इससे पहले कॉन्ग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में प्रियंका गाँधी ने 350 पूर्व सांसद, विधायक, एमएलसी, 2019 के लोकसभा उम्मीदवार और 2017 के विधानसभा उम्मीदवारों को बैठक के लिए बुलावा भेजा था। लेकिन उसमें शामिल सिर्फ़ 40 नेता ही हुए थे। बताया गया थ कि अन्य नेता प्रियंका गाँधी से नाराज हैं क्योंकि उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया है और नए नेतृत्व को उन पर थोप रही हैं। जिसके कारण ये पुराने नेता पिछले 15 दिनों में बैठकें भी कर चुके हैं और जल्द ही तीसरी बैठक भी इस संबंध में होने वाली है।