उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर कुछ दिनों से भाजपा में उहापोह की स्थिति बनी हुई थी क्योंकि कुछ विधायकों के उनसे नाराज़ होने की खबरें सामने आई थीं। खबरों में कहा जा रहा था कि भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी या मंत्री सतपाल महाराज में से किसी एक को उनकी जगह लेने के लिए चुना जा सकता है। अब संभावना जताई जा रही है कि भाजपा आलाकमान ने उन्हें हटाने का फैसला लिया है।
उत्तराखंड भाजपा के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम से जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “क्यों नहीं रहेंगे वो (रावत) मुख्यमंत्री? क्या कारण है जो हटाए जाएँगे? वो एक अच्छे मुख्यमंत्री हैं। भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है उन पर। वो हैं मुख्यमंत्री अभी। अच्छा कार्य किया है उन्होंने। केंद्र की सभी योजनाओं को उन्होंने निचले स्तर तक पहुँचाया है। आयुष्मान भारत कार्ड उत्तरखंड में हर व्यक्ति को मिला हुआ है।”
बड़ी ख़बर-उतराखंड पर्यवेक्षको की रिपोर्ट पर पार्टी ने सीएम त्रिवेंद्र रावत को मुख्यमंत्री से हटाने का फ़ैसला किया, जल्द पर्लियामेंट्री बोर्ड की मुहर लगेगी, विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए विधायक दल की बैठक जल्द बुलाई जायेगी. https://t.co/xUu5absFiR
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) March 9, 2021
उन्होंने कहा कि सीएम रावत के कार्यकाल में मात्र 1 रुपए में पानी का कनेक्शन दिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की कार्यशैली पर प्रश्न उठाना ठीक नहीं है। वहीं ABP न्यूज़ के विकास भदौरिया ने दावा किया कि उतराखंड पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर पार्टी ने सीएम त्रिवेंद्र रावत को मुख्यमंत्री से हटाने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पर्लियामेंट्री बोर्ड की मुहर लगेगी और विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए विधायक दल की बैठक जल्द बुलाई जाएगी।
#WATCH | He (Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat) is doing good work. There is no allegation of corruption against him… It is not good to raise questions on his working style: Uttarakhand BJP in-charge Dushyant Kumar Gautam on being asked if Rawat will continue as CM pic.twitter.com/gSMeH43lYz
— ANI (@ANI) March 9, 2021
इस मामले में संसद भवन में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री के साथ संगठन महासचिव बीएल संतोष की पर्यवेक्षक डॉ. रमन सिंह और प्रभारी दुष्यंत गौतम की रिपोर्ट पर मैराथन बैठक हुई। वहीं कुछ ख़बरों में ये भी कहा जा रहा था कि उन्हें नहीं हटाया जाएगा और मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए मामले को सुलझाया जाएगा। ‘अमर उजाला’ की खबर में कहा गया था कि राज्य में राजपूत-ब्राह्मण संतुलन और विधानसभा चुनाव से पहले नए चहेरे के खतरे के आकलन के बाद ही फैसला होगा।
उत्तराखंड हाल ही में प्रकृति के एक बड़े प्रकोप से उबरा है, जो भीषण आपदा का रूप ले सकती थी। इसमें 200 से अधिक लोग मारे गए। हालाँकि, उस दौरान सीएम रावत खुद घटनास्थल का दौरा कर के स्थिति की समीक्षा करते हुए चौकस दिखे थे।