गुजरात में हाल ही में कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा निलंबित की गई वंदना पटेल मंगलवार (5 अप्रैल, 2022) को एक हवन का कार्यक्रम आयोजित किया। इस हवन को आयोजित करने की वजह काफी दिलचस्प है। दरअसल, वंदना पटेल की मानें तो उन्होंने ये हवन करके कॉन्ग्रेस पार्टी को शुद्ध करने की कोशिश की है। उनका मानना है कि कुछ बुरी ताकतें पार्टी में ऊँचे पदों पर रहकर पार्टी को कमजोर करने और जनता का समर्थन कॉन्ग्रेस पार्टी से दूर करने के लिए काम कर रही थीं। इसीलिए, चल रहे चैत्र के नवरात्रि के चौथे दिन हवन किया गया।
GSTV की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वंदना पटेल कहती हैं कि कॉन्ग्रेस के कुछ नेता मिलावटखोर हो गए हैं। उन्होंने कहा, “कुछ नेताओं ने कॉन्ग्रेस की इमेज को खराब किया है। अगर मैं कुछ कहती हूँ तो हलचल मच जाएगी। पार्टी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत के बाद भी कुछ नेताओं ने हारे हुए उम्मीदवार को टिकट दिया। मेरा झूठा ऑडियो क्लिप बनाया गया।”
कॉन्ग्रेस की महिला नेता ने गुजरात कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि उन्हें केवल इसलिए पार्टी से निलंबित किया गया, क्योंकि उन्होंने अपना इस्तीफा नहीं दिया। वंदना पटेल ने रेशमा सोलंकी को सपोर्ट करते हुए भरत सिंह सोलंकी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अगर पार्टी को किसी को निलंबित करना था तो वो हैं भरत सिंह सोलंकी। क्योंकि उस व्यक्ति ने न केवल पार्टी को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि अपनी पड़पोती की उम्र की लड़की के साथ व्यभिचार किया है।
वंदना पटेल ने आगे कहा, “पार्टी के सभी नेताओं को सब कुछ पता है। प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष जगदीश भाई (जगदीश ठाकुर) को भी सब पता है, लेकिन वो दबा दिए गए हैं। मैं इस मामले को राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के समक्ष उठाऊँगी।”
भरत सिंह सोलंकी गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रहे माधव सिंह सोलंकी के बेटे हैं । उन्होंने राज्य में पार्टी के लिए KHAM (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम) वोट बैंक सिद्धांत को सफलतापूर्वक आजमाने वाला माना जाता है।
गौरतलब है कि हाल ही में 30 मार्च 2022 को वंदना पटेल का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए निलंबित कर दिया था। वायरल ऑडियो क्लिप में पार्टी के ही दो नेताओं वंदना पटेल और अतुल पटेल एक दूसरे से राज्य के कुछ नेताओं के घटिया चरित्र के कारण पार्टी को हो रहे नुकसान के बारे में चर्चा करते हुए सुना गया था। इसके बाद वंदना के साथ ही अतुल को भी निलंबित कर दिया गया था। बाद में वंदना ने पार्टी को ‘शुद्ध करने’ और ‘बुरी ताकतों से बचाने’ के लिए हवन किया।