पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव करीब आते आते राजनीतिक परिदृश्य में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। कौन कब किस पार्टी का दामन थाम ले इसे लेकर कुछ भी कहा नहीं जा सकता। हाल ही में जहाँ तृणमूल कॉन्ग्रेस के कई दिग्गजों ने पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
वहीं अब खबर आ रही है कि शनिवार (9 जनवरी, 2021) को असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कई सदस्यों ने टीएमसी का दामन थाम लिया हैं, जिसमें पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष एसके अब्दुल कलाम और संयोजक शेख अनवर हुसैन पाशा भी शामिल है। AIMIM नेता और उनके समर्थक पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की उपस्थिति में TMC में शामिल हुए।
कोलकाता टीएमसी मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने के बाद कलाम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कई वर्षों से शांति और अमन का माहौल है। उन्होंने ‘जहरीली हवा’ को दूर रखने के पार्टी बदली है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसके अब्दुल कलाम ने कहा, “हमने देखा है कि पश्चिम बंगाल शांति का नजारा हुआ करता था। लेकिन देर से ही सही यहाँ की हवा जहरीली हो गई है और इसे ठीक करना है। इसीलिए मैंने तृणमूल कॉन्ग्रेस में शामिल होने का फैसला किया।”
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करते हुए एआईएमआईएम के पश्चिम बंगाल संयोजक शेख अनवर हुसैन पाशा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में यह समय पॉलिटिकल एंट्री के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने दावा किया किअसदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भाजपा को सिर्फ वोटों का ध्रुवीकरण करने में मदद करेगी।
गौरतलब है कि बिहार में पाँच सीटें जीतने और कुछ सीटों पर स्पॉइलर खेलने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम के आगामी विधानसभा चुनावी समर में उतरने से यहाँ के समीकरण बदल सकते हैं।
वहीं मुस्लिम वोटर्स का समीकरण बिखरने की चिंता को लेकर टीएमसी प्रमुख ममता ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायक सौहार्द बिगाड़ने और अल्पसंख्यकों के वोट का ध्रुवीकरण करने के लिए भाजपा एआईएमआईएम को लेकर आई है। भाजपा मुस्लिम वोट बाँटने के लिए हैदराबाद से एक पार्टी लाने के लिए करोड़ों खर्च कर रही है।
ममता बनर्जी के इस बयान का जवाब देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, “मुझे पैसों से खरीदने वाला आज तक कोई पैदा नहीं हुआ। ममता बनर्जी के आरोप निराधार हैं, उन्हें अपने घर के बारे में फिक्र होनी चाहिए। उनकी पार्टी के कई लोग बीजेपी में जाना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने बिहार के मतदाताओं और हमारे लिए वोट करने वाले लोगों का अपमान किया है।”
ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम वोटर्स ममता बनर्जी की जागीर नहीं हैं। इसके अलावा ओवैसी का कहना था कि ममता को ऐसे मुस्लिम नहीं पसंद हैं, जो खुद के लिए सोच और बोल सकते हैं।