नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सोमवार (जनवरी 27, 2020) को पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी प्रस्ताव पास हो गया। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल अब चौथा राज्य बन गया है, जहाँ CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है। इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान विधानसभा में सीएए विरोधी प्रस्ताव पास किया जा चुका है। संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल विधानसभा में रखा।
West Bengal Assembly passes resolution against #CitizenshipAmendmentAct. The resolution was moved by the state government. pic.twitter.com/9u0Mapebiq
— ANI (@ANI) January 27, 2020
इस मौके पर सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा, “यह विरोध केवल अल्पसंख्यकों का ही नहीं है। मैं अपने हिंदू भाइयों को इस विरोध को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद देती हूँ। बंगाल में हम CAA, NPR और NRC की अनुमति नहीं देंगे। हम शांतिपूर्वक लड़ाई जारी रखेंगे।”
West Bengal CM Mamata Banerjee in Assembly: This protest is not only of minorities but of all. I thank my Hindu brothers for leading this protest from the forefront. In Bengal, we won’t allow CAA, NPR, and NRC. We will fight peacefully. (File pic) https://t.co/6nKHm1J1dA pic.twitter.com/blzwRhYTgm
— ANI (@ANI) January 27, 2020
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पास किए गए इस प्रस्ताव का कॉन्ग्रेस और लेफ्ट दोनों ही दल समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून लोगों के विरुद्ध है और यह कानून तुरंत निरस्त किया जाए। ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार को चुनौती भी दी कि वह उनकी सरकार को बर्खास्त करके दिखाएँ। पश्चिम बंगाल की सीएम ने प्रस्ताव के दौरान विधानसभा में कहा कि दिल्ली में हुई NPR की बैठक में शामिल नहीं होने की भी ताकत बंगाल में है। अब समय आ गया है कि हम अपने मतभेद भुलाकर साथ आएँ और देश को बचाने के लिए लड़ें। यही नहीं इस मामले पर ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का भी बन बनाया है।
गौरतलब है कि 22 जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता व सिलीगुड़ी के हिल्स इलाके में महाजुलूस निकाल कर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसी क्रम में दार्जिलिंग शहर में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महाजुलूस भी निकाला गया था। यह जुलूस रार्बट्सन रोड से गाँधी रोड, डीबी गिरि रोड, एनएच 55 होते हुए दार्जिलिंग मोटर स्टैंड तक गया था और बाद में सभा में तब्दील हो गया था।