Saturday, November 23, 2024
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पश्चिम बंगाल: हल्दिया में दवाओं की कमी, सप्लाई चेन बाधित, आजीविका प्रभावित: रिपोर्ट

“हम पुलिस को लाइसेंस दिखाते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि वे बाजार में सामान की अनुमति दें, लेकिन वे अनुमति नहीं देते हैं। हमें माल और अन्य उपज का आयात करना मुश्किल लगता है। अगर यह बाजार में आता है, तो हम उत्पादों को किसी तरह बेच पाएँगे।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रतिबंधों की वजह से राज्य के कुछ हॉटस्पॉट (माइक्रोस्पॉट) दवा की कमी से जूझ रहा है। ममता बनर्जी सरकार के प्रतिबंध की वजह से कुछ इलाकों में आवश्यक दवाएँ भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। ताजा आँकड़ों की बात करें तो अभी तक राज्य में 339 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जबकि 12 लोगों की जान चली गई है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में तीन रेड जोन जिलों की पहचान की है, जिनका नाम है- हावड़ा, उत्तर 24 परगना, और कोलकाता। वे 30 अप्रैल तक पूरी तरह से लॉकडाउन में रहेंगे। रेड जोन क्षेत्रों को माइक्रोस्पॉट के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यहाँ पर सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएँगे। ऐसे जगहों पर बाहरी लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित है। यहाँ पर केवल अधिकृत व्यक्तियों द्वारा एक खास समय में आवश्यक सामानों की आपूर्ति करवाई जा सकती है।

लॉकडाउन की अवधि में विस्तार ने माइक्रोस्पॉट में दुकानदारों की असुविधा को बढ़ा दिया है। प्रतिबंधों के कारण वे किसानों से माल प्राप्त करने में असमर्थ हैं। अजय साहू नाम के एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हम पुलिस को लाइसेंस दिखाते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि वे बाजार में सामान की अनुमति दें, लेकिन वे अनुमति नहीं देते हैं। हमें माल और अन्य उपज का आयात करना मुश्किल लगता है। अगर यह बाजार में आता है, तो हम उत्पादों को किसी तरह बेच पाएँगे।”

पश्चिम बंगाल में हल्दिया शहर में एक तेलंगाना निवासी के 24 मार्च को आने के बाद से कोरोना संक्रमण फैल गया। यह आदमी निजामुद्दीन के मरकज में आयोजित मजहबी सभा में भाग लेने के बाद हल्दिया आया था। यह यहाँ पर हल्दिया डॉक में काम करता था। शहर में चीनी वायरस के कई मामलों का पता चलने के बाद कई क्षेत्रों को अब ‘माइक्रोस्पॉट्स’ के रूप में चिह्नित किया गया है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लॉकडाउन के दौरान लोगों से प्रशासन के साथ सहयोग करने के आग्रह करने के अलावा SDPO (हल्दिया) तन्मय मुखर्जी ने क्षेत्र में आवश्यक दवाओं की भारी कमी को स्वीकार किया। एक स्थानीय निवासी बिशन सिंह ने अपनी दास्तान साझा करते हुए कहा, “हमें ब्लड प्रेशर की दवा नहीं मिल रही है। इस क्षेत्र में पुलिस बहुत सख्त है। सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं है। मैं सरकार से मदद करने का अनुरोध करता हूँ क्योंकि मेरे पिता बुजुर्ग हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं। मैं एक निजी कंपनी में काम करता हूँ। मुझे इस बात का भी भरोसा नहीं है कि मुझे मेरा अगला वेतन मिलेगा या नहीं।”

इसके अलावा, हॉटस्पॉट्स के भीतर सीमित आवाजाही के कारण, किराने की दुकानों की आपूर्ति में कमी है। सप्लाई चेन टूटने से स्थानीय निवासियों की शिकायतों में इजाफा हुआ है। पुलिस और सरकार द्वारा बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के अपील करने के बावजूद इसके उल्लंघन की वजह से कोरोना महामारी में इजाफा हुआ है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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