पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने शिक्षा घोटाले में ED द्वारा गिरफ्तार किए जाने के पाँच दिन अपने मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) के खिलाफ एक्शन लिया है। ममता ने पार्थ को मंत्री पद से हटा दिया है।
ममता बनर्जी के इस निर्णय के बाद उनके भतीजे और तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने गुरुवार (28 जुलाई 2022) की शाम को अनुशासन समिति की बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद पार्थ को पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया।
आजतक के अनुसार, ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी से जुड़े मामले को साजिश बताया है। उन्होंने कहा, “हमने उनको (पार्थ) हटाया, क्योंकि तृणमूल कॉन्ग्रेस एक सख्त पार्टी है। सारा पैसा एक लड़की (अर्पिता) के पास से बरामद हुआ है, जिसे बार-बार दिखाया जा रहा है। यह एक बड़ा गेम है, जिसके बारे में अभी ज्यादा बात नहीं की जाएगी।”
पार्थ के तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के महासचिव के साथ-साथ उपाध्यक्ष भी थे। इसके अलावा, उनके पास तीन और जिम्मेदारी थीं। अभिषेक बनर्जी का कहा कि जाँच जारी रहने तक पार्थ को पार्टी से निलंबित किया गया है। अगर बेगुनाह साबित होते हैं तो वे पार्टी में फिर से आ सकते हैं।
इधर, शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट पर ED ने छापेमारी की है। कोलकाता एयरपोर्ट के पास स्थित चिनार पार्क में यह रेड डाली गई है। यहाँ क्या-क्या मिला है, अभी तक इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई है।
बता दें कि बुधवार (27 जुलाई 2022) से लेकर गुरुवार (28 जुलाई 2022) तक चली ED की छापेमारी में अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से लगभग 28 करोड़ रुपए नकद और 5 किलोग्राम सोना जब्त किया है। अर्पिता ने ED को बताया कि ये सारे रुपए पार्थ चटर्जी के हैं।
अर्पिता का कहना था कि पार्थ इस घर का इस्तेमाल रुपए रखने के लिए करते थे, लेकिन उसे अंदाजा नहीं था कि घर में इतने कैश हैं। कहा जाता है कि पार्थ इन कमरों का इस्तेमाल मिनी बैंक के तौर पर करते थे और इन घरों के कमरों में पार्थ और उनके करीबी लोगों की ही एंट्री थी।