भारत में अभी की तारीख़ में 1.27 लाख से भी अधिक स्टार्टअप्स चल रहे हैं। साथ ही 110 से अधिक यूनिकॉर्न भी देश में पंजीकृत हैं। ऐसे में उन्हें राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘Angel Tax’ की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया है। भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए इसे बेहतरीन फैसला बताया जा रहा है। 2024 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘एंजेल टैक्स’ को खत्म करने की घोषणा की। P चिदंबरम इस पर ताली पीट रहे हैं।
आगे बढ़ने से पहले समझ लेते हैं कि आखिर ये ‘एंजेल टैक्स’ होता क्या है। असल में ये व्यवस्था ऐसे स्टार्टअप्स के लिए सिरदर्द बन गया था, जो कुछ बड़ा करना चाहते हैं। इस कारण स्टार्टअप्स में निवेश का 30% हिस्सा टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में चला जाता था। बाहरी निवेशकों से आने वाले निवेश को ‘बाहरी स्रोतों से आमदनी’ मानी जाती थी। यूनियन बजट 2024-25 के बाद अब भारतीय स्टार्टअप्स दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ेंगे, ये तय है।
आयकर अधिनियम, 1961 के 56(2)(viib) के तहत ‘एंजेल टैक्स‘ की व्यवस्था की गई थी। 2012 में कालाधन पर आए ‘व्हाइट पेपर’ के बाद इस टैक्स को लाया गया था। बताया गया था कि इसका उद्देश्य असूचीबद्ध कंपनियों के माध्यम से कालाधन पर लगाम लगाना है। असूचीबद्ध कंपनियों द्वारा भारतीय निवेशकों से जुटाए गए धन पर ये टैक्स तब लगाया जाता है, उस स्थिति में जब शेयरों के दाम कंपनी के ‘फेयर मार्केट वैल्यू’ (FVM) से अधिक हो जाए।
निवेश अगर FVM से अधिक हो गया तो इसके बीच जो अंतर होता है, उस पर 30.9% एंजेल टैक्स लगाया जाता था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और अन्वेषण का समर्थन करने के लिए भी ‘एंजेल टैक्स’ को खत्म करने का फैसला लिया गया है। कई स्टार्टअप्स के पास पहले से ही कम बजट था, ऐसे में उन्हें इस टैक्स से खासी दिक्कत थी। उनके अधिकतर फंड टैक्स में ही चले जाते थे। इससे एंजेल इन्वेस्टर्स भी चिंताग्रस्त होते थे, क्योंकि उनके निवेश की स्क्रूटनी के कारण उन्हें डर बना रहता था।
इससे पहले सरकार ने 21 देशों के नॉन-रेजिडेंट निवेशकों को छूट दी थी। साथ ही मंत्रालय के पैनल द्वारा अनुमति प्राप्त निवेशकों को छूट दी जाती थी। P चिदंबरम ने मोदी सरकार के इस फैसले का श्रेय लेना शुरू कर दिया। उन्होंने लिखा कि ‘एंजेल टैक्स’ खत्म किए जाने के फैसले से उन्हें ख़ुशी हुई है। उन्होंने दावा किया कि कॉन्ग्रेस कई सालों से इसे खत्म करने की वकालत कर रही है और हाल ही में उनकी पार्टी के घोषणापत्र में पेज 31 पर भी ऐसा ही कहा गया है।
चिदंबरम जी ये Angel Tax लाया गया था साल 2012 में। सरकार थी UPA की। आप उस वक़्त गृहमंत्री थे और वित्त मंत्री थे प्रणब दा।
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) July 23, 2024
और दिलचस्प बात ये है उसके ठीक बाद का बजट आप ही ने पेश किया था लेकिन Angel Tax तब भी बरकरार रहा था । https://t.co/yRlGvtnxWc
P चिदंबरम ने ये दावा तो कर दिया, लेकिन वो इस दौरान ये बताना भूल गए कि आखिर ये ‘एंजेल टैक्स’ लेकर कौन आया था। 2012 में जब इसे लाया गया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उस UPA-II सरकार में P चिदंबरम बतौर गृह मंत्री मजे काट रहे थे। प्रणब मुखर्जी तब केंद्रीय वित्त मंत्री हुआ करते थे, जो बाद में भारत के राष्ट्रपति बने। अब लोग P चिदंबरम को याद दिला रहे हैं कि जो चीज कॉन्ग्रेस लेकर आई, उसे हटाने की माँग वही क्यों कर रही थी, और जब मोदी सरकार ने ये कर दिया तो उसका श्रेय वो क्यों लूट रहे हैं जो इसे लेकर आए थे?