उत्तर प्रदेश के लोनी विधानसभा क्षेत्र से एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है, जहाँ चुनावी हार-जीत को लेकर दो लोगों में लगी शर्त का स्टाम्प पेपर पर अनुबंध हुआ। यहाँ से मौजूदा विधायक नंदकिशोर गुर्जर हैं, जो भाजपा के प्रत्याशी भी हैं। ये विधानसभा क्षेत्र दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पड़ता है। दो अलग०अलग पार्टी के समर्थकों ने बाकायदा स्टाम्प पेपर पर अनुबंध कर के शर्त लगाई। ये शर्त 18,000 रुपए की लगी है। 10 रुपए के स्टाम्प पेपर पर दोनों ने हताक्षर किए।
दरअसल, ये शर्त भाजपा समर्थक अमित बैसला और जयंत चौधरी की पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक दल (RLD)’ समर्थक इकबाल के बीच लगी है। इकबाल का कहना है कि इस सीट से RLD जीतेगी, जिसने मदन भैया को उतारा है। अमित बैसला के पिता का नाम रघुबीर बंसल है, जबकि इक़बाल के पिता का नाम वहीद है। दोनों ही लक्ष्मी गार्डन क्षेत्र के रहने वाले हैं। फ़िलहाल भाजपा समर्थक अमित बैसला ने RLD समर्थक इक़बाल के पास 18,000 रुपए जमा करा दिए हैं। इनमें 9-9 हजार दोनों के हैं।
अगर इस चुनाव में नंदकिशोर गुर्जर जीत जाते हैं तो ये रकम अमित बैसला को उनके 18,000 रुपए मिल जाएँगे, जबकि अगर मदन भैया की जीत होती है तो इक़बाल ये रुपए रख लेगा। 15 मार्च, 2022 को इस शर्त की रकम ले लेनदेन का अंतिम दिन रखा गया है। बता दें कि 10 मार्च को उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर – इन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की मतगणना और चुनाव परिणाम आएँगे। ऐसे में इसके 5 दिन बाद तक का दिन शर्त के लिए तय किया गया है।
गाजियाबाद लोनी विधानसभा
— Vikas Bhadauria (@vikasbha) February 13, 2022
#UPElections2022 चुनाव में उम्मीदवारों की विजय को लेकर दो पक्षों के बीच लगी शर्त का स्टाम्प पेपर पर हुआ अनुबंध, बीजेपी/सपा उम्मीदवार की जीत को लेकर लिखित शर्तनामा हुआ वायरल. pic.twitter.com/bYh06VNyBL
स्टाम्प पेपर पर लिखा है कि दोनों पक्षों की सहमति से इस अनुबंध पत्र को तैयार किया गया है, ताकि ये बाद में काम आ सके। अमरलाल नाम के व्यक्ति को इस अनुबंध का गवाह बनाया गया है। शुक्रवार (11 फरवरी, 2022) को ये अनुबंध किया गया। इस मामले को लेकर दोनों प्रत्याशियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। नंदकिशोर गुर्जर जनवरी में “लोनी में न अली, न बाहुबली, लोनी मे सिर्फ बजरंगबली” नारा लगा कर चर्चा में आए थे। चुनाव आयोग से उनकी शिकायत भी की गई थी, जिसके बाद उन्हें नोटिस देकर जवाब देने को कहा गया था।