Saturday, November 16, 2024
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CM योगी से मिला किसानों का प्रतिनिधिमंडल, कहा- कृष‍ि कानूनों पर भड़का रहे लोग, आंदोलन से आवागमन बाधित होने की शिकायत

“किसानों का अहित कर अपने राजनीतिक मंसूबे को पूरा करना ठीक नहीं है। देश में लंबे समय से कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसे कानून बनाकर पूरा किया गया।”

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने किसानों के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाते हुए शनिवार (मार्च 6, 2021) को दावा किया कि नए कृषि कानून उनकी आय दोगुनी करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं और इससे कृषकों की आय में निरंतर वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने यहाँ पाँच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा किसानों को ध्यान में रखकर नीतियाँ बनाई हैं।

शनिवार को जारी एक सरकारी बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता हैं और प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में किसानों की खुशहाली के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। उन्‍होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों से जुड़े कार्यक्रमों और योजनाओं को पूरी गंभीरता से लागू कर रही है और इसी का नतीजा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून किसान हितैषी हैं। यह कानून किसानों को सशक्त करने का प्रयास हैं। इन कानूनों का सबसे ज्यादा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा। इसलिए वे इन कानूनों का समर्थन करते हैं। प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।

किसानों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि कुछ लोग किसान आन्दोलन के माध्यम से किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे आवागमन बाधित होता है और लोगों को असुविधा होती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि किसी भी समस्या का समाधान मिल बैठकर संवाद के जरिए किया जा सकता है।

वहीं शनिवार को एक समारोह में बोलते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “किसानों का अहित कर अपने राजनीतिक मंसूबे को पूरा करना ठीक नहीं है। देश में लंबे समय से कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसे कानून बनाकर पूरा किया गया।” इसके साथ ही विपक्षी दलों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध का अपना स्थान है। लेकिन मतभेद और विरोध देश को क्षति पहुँचाने की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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