आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में हाल ही में चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मायावती को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण माँगा था, जिसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने अपनी सफाई भेज दी है।
आयोग को दिए इस जवाब में योगी ने कहा है कि बजरंगबली में उनकी अटूट आस्था है। ऐसा में किसी को बुरा लगे या कोई अज्ञानतावश असुरक्षित महसूस करे, तो इस डर से वो अपनी आस्था को नहीं छोड़ सकते हैं। योगी ने अपने जवाब में स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपने भाषण (जिसके कारण उन पर साम्प्रदायिक होने का आरोप लगा) में केवल छद्म धर्मनिरपेक्षता को उजागर किया था, धर्म के नाम पर वोट नहीं माँगा था। अपने जवाब में उन्होंने यह भी लिखा कि हर नागरिक को अपने धर्म व आस्था की स्वतंत्रता है।
योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उन्होंने किसी जाति या धर्म के नाम पर वोट नहीं माँगा था। उनकी मानें तो धर्म और जाति के आधार पर अगर कोई वोट माँग रहा है तो वह विपक्ष के नेता हैं। योगी ने मायावती की राजनीति पर प्रश्न किया कि वह (मायावती) खुद को धर्मनिरपेक्ष बताती हैं। लेकिन क्या मजहब को आधार बनाकर समुदाय विशेष से वोट माँगना धर्म निरपेक्षता की श्रेणी में आएगा?
योगी आदित्यनाथ की मानें तो देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उनका फर्ज बनता है कि वो छद्म धर्मनिरपेक्षता का लोगों के समक्ष पर्दाफाश करें। इसके साथ ही अपने जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ‘हरे वायरस’ उपनाम का उपयोग संकीर्ण राजनीति के मद्देनजर किया था।
Chief Minister Yogi Adityanath offers prayers at Hanuman Setu temple in Lucknow. pic.twitter.com/LuLReDDU5R
— ANI UP (@ANINewsUP) April 16, 2019
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगने के बाद वे आज (अप्रैल 16, 2019) सुबह हनुमान मंदिर पहुँचे। यहाँ वह 10-15 मिनट के लिए रुके। उन्होंने वहाँ सिर्फ हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस बीच उन्होंने किसी से भी बात नहीं की। मीडिया की खबरों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने खुद पर लगे प्रतिबंध के बाद चुनाव प्रचार का यही नया तरीका निकाला है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने योगी के भाषण देने पर प्रतिबंध लगाया है। लेकिन इसमें मंदिर जाना शामिल नहीं है। खबरों के मुताबिक इस मंदिर में पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह आने वाले थे, लेकिन वे यहाँ नहीं आ पाए।
ऐसे में भले ही योगी आदित्यनाथ नामांकन के दौरान राजनाथ के साथ न हों, लेकिन दोनों राजनेता हनुमान सेतु मंदिर में एक साथ होंगे। माना जा रहा है कि यहीं से आज एक तरीके से चुनाव प्रचार की शुरुआत होगी।