पंजाब विधानसभा चुनावों के बीच आम पाठक के तौर पर आप आम आदमी पार्टी के लिए ‘AAP’ शब्द का प्रयोग मीडिया साइट्स पर देख ही रहे होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पंजाब विधानसभा में जीत की ओर तेजी से आगे बढ़ती केजरीवाल की इस Aam Admi Party की शॉर्ट फॉर्म AAP नहीं, बल्कि AAAP है। दिलचस्प बात ये है कि इस संबंध में कभी जानकारी पार्टी ने खुद भी नहीं दी और न ही इससे जुड़ी कोई सूचना पढ़ने को मिलती है। मगर यदि निर्वाचन आयोग की साइट पर जाएँ तो पता चलेगा कि वहाँ हमेशा से ही आम आदमी पार्टी के लिए AAP नहीं आम AAAP प्रयोग होता आया है।
What does AAAP (triple A) mean for @AamAadmiParty at Election Commission of India website, showing #DelhiElectionResults and trends? @SpokespersonECI pic.twitter.com/qiZoKRv4xt
— Vishwa Mohan (@vishwamTOI) February 11, 2020
साल 2020 में दिल्ली चुनावों के वक्त टाइम्स ऑफ इंडिया के विश्वा मोहन ने इस बाबत सवाल उठाया था। उन्होंने पूछा था कि आम आदमी पार्टी के लिए निर्वाचन आयोग ने ट्रिपल ‘ए’ का प्रयोग क्यों किया है। क्या ये दिल्ली चुनवावों में कौन जीत रहा है उसे दर्शाता है?
Triple A in the abbreviation is not a typo….same abbreviation was used in 2015 Elections also.. as ‘AAP’ was already allotted to another party before Aam Aadmi Party approached ECI for registration in 2013 pic.twitter.com/3rIhQSupEr
— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) February 11, 2020
इसी सवाल के जवाब में भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने कहा था, “शॉर्ट फॉर्म में ट्रिपल A कोई चूक नहीं है। इसी शब्द का प्रयोग साल 2015 के चुनावों के वक्त किया गया था।” उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि आम आदमी पार्टी से पहले ही एक पार्टी ने इस नाम को अपने लिए पंजीकृत करवाया था जबकि आम आदमी पार्टी का पंजीकरण 2013 में हुआ था। उस पार्टी का नाम बता दें आवामी आमजन पार्टी थी जो भारतीय निर्वाचन आयोग में 3 जनवरी 2011 को पंजीकृत हुई थी।
गौरतलब है कि सिर्फ मीडिया, सोशल मीडिया ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी खुद भी दल की शॉर्ट फॉर्म aap ही लिखता आया है। चाहे उनके कार्यालय हों, प्रेस कॉन्फ्रेंस हो, मेनिफेस्टो हो। हर जगह आपको उनके चुनाव चिह्न झाड़ू के साथ aap लिखा दिखाई देगा। ये पार्टी साल 2012 में गठित हुई थी और 2013 में इसे निर्वाचन आयोग ने पंजीकृत किया था। पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल हैं जो दिल्ली में सरकार बनाने के बाद अपनी पार्टी को पंजाब तक पहुँचा चुके हैं।