कश्मीर में संविधान का अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अब तक के कालखंड में जिहादी आतंक की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। इस आशय के आँकड़े गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में सदन के पटल पर रखे। गौरतलब है कि इसी साल 5 अगस्त, 2019 को सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करते हुए भारत का पूरा संविधान वहाँ लागू किए जाने की घोषणा की गई थी। इसी के साथ सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र-शासित हिस्सों में भी बाँट दिया था- केंद्र के सीधे और पूर्ण नियंत्रण वाला लद्दाख, और विधानसभा वाला केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर।
मंगलवार को (आज, 3 दिसंबर, 2019 को) लोक सभा में 4 लोक सभा सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह जानकारियाँ सदन के पटल पर रखीं।
#BREAKING – Decline in terrorist in Jammu and Kashmir, infiltration attempts on the rise.
— News18 (@CNNnews18) December 3, 2019
88 terror incidents post August 5 and 106 between April and August.
Drop in terror incidents, rise in infiltration bids.@Arunima24 with details pic.twitter.com/J55GzyDRWM
सरकार के मुताबिक 370 हटाए जाने के बाद के 115 दिनों में जिहादियों ने 88 घटनाओं को अंजाम दिया है। यह संख्या 370 हटने के पहले के 115 दिनों (12 अप्रैल, 2019 से 4 अगस्त, 2019 तक) में हुई ऐसी ही 106 घटनाओं के मुकाबले 17% कम है।
MHA in Lok Sabha on Infiltration & attacks after removal of Art 370, in Kashmir: Incidents of terrorist violence declined after 5th August. From 5th August 2019-27th November 2019, there have been 88 such incidents as compared to 106 such incidents from 12 April 2019-4 Aug 2019.
— ANI (@ANI) December 3, 2019
हालाँकि एक चिंताजनक बात ज़रूर निकल कर आई है। गृह मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान ने 5 अगस्त के बाद से भारत में घुसपैठ की कोशिशों में ज़रूर बढ़ोतरी कर दी है। इन 115 दिनों में सरहद पार के जिहादियों ने भारत में घुसपैठ की 84 कोशिशों को अंजाम दिया है, जबकि 5 अगस्त के पहले के 115 दिनों में केवल 53 घुसपैठ की घटनाएँ हुईं थीं।
राहत की बात यह है कि इनमें से अधिकाँश कोशिशों को सुरक्षा बलों ने नाकाम भी कर दिया। घुसपैठ कर पाने में जिहादी 84 में केवल 32 बार ही कामयाब रहे। इसके अलावा सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते मारे गए जिहादियों की संख्या भी इस साल अभी तक 157 है, और अभी लगभग एक महीना इस साल में अभी बचा ही हुआ है।
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