Saturday, July 27, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकराजनीति फ़ैक्ट चेकविदेशी फोटो से फैलाया प्रोपेगेंडा, सरदार पटेल की स्टैच्यू से तुलना: AAP की मार्लेना...

विदेशी फोटो से फैलाया प्रोपेगेंडा, सरदार पटेल की स्टैच्यू से तुलना: AAP की मार्लेना का नया अंदाज

आतिशी मार्लेना ने इंस्टाग्राम पर एक इमेज पोस्ट किया। इमेज में दाईं ओर एक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट है और बाईं ओर स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी। इस पोस्ट को उन्होंने शीर्षक दिया- "Vision and priority matters." और यहीं उनका प्रोपेगेंडा पकड़ा गया।

आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना को कैलिफोर्निया और दिल्ली के ओखला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के बीच का अंतर शायद नहीं मालूम। अगर मालूम होता तो प्रोपेगेंडा नहीं फैलातीं। आतिशी मार्लेना ने इंस्टाग्राम पर एक इमेज पोस्ट किया। इमेज में दाईं ओर एक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट है और बाईं ओर स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी। इस पोस्ट को उन्होंने शीर्षक दिया- “Vision and priority matters.”

इंस्टाग्राम पर आतिशी द्वारा पोस्ट की गई इमेज

मार्लेना ने बताया कि कैसे विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा मतलब गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की लागत 3,500 करोड़ रुपए है, जबकि दिल्ली के ओखला में भारत के सबसे बड़े सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की लागत 1,161 करोड़ रुपए है। इसके अलावा अपनी पोस्ट में उन्होंने जल संकट के बारे में भी कुछ बातें लिखीं।

लेकिन, तथ्यों की जाँच करने वाली वेबसाइट fact-hunt के अनुसार, मार्लेना ने जो इमेज इंस्टाग्राम पर पोस्ट की है, वो वास्तव में कैलिफोर्निया की है।

कैलीफोर्निया में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (इमेज: facthunt.in)

एक और सच्चाई यह है कि स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी का निर्माण 2,989 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर किया गया था न कि 3,500 करोड़ रुपए में, जिसका दावा मार्लेना ने अपनी पोस्ट में किया। वहीं, तथ्य बताते हैं कि ओखला में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण अभी बाक़ी है। इसकी आधारशिला 8 जुलाई 2019 को केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रखी थी।

मार्लेना ने एक बार भी यह नहीं सोचा कि जिस इमेज को आधार बनाकर वो भ्रम की स्थिति बना रही हैं, वास्तव में वो ख़ुद ही सही तथ्यों से अवगत नहीं हैं। कैलीफोर्निया की इमेज को वो डिस्क्लेमर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकती थीं, जिससे यह संदेश दिया जा सकता था कि ओखला का सीवर प्लांट इसी तर्ज पर बनाने की कोशिश की जाएगी, जिसका निर्माण कार्य अभी बाकी है।

इसके अलावा, यह परियोजना 2022 तक चालू रहने की उम्मीद है। मार्लेना ने इस तथ्य का भी उल्लेख नहीं किया कि ओखला सीवेज ट्रीटमेट प्लांट केंद्र सरकार द्वारा 85% वित्त पोषित है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -