बहुचर्चित रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने आज़म ख़ान की पत्नी डॉक्टर तंजीन फातिमा को अपना उम्मीदवार बनाया है। फातिमा फ़िलहाल राज्यसभा सांसद हैं। 53% मुस्लिम जनसंख्या वाला रामपुर विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश की राजनीति में पहले से ही चर्चित रहा है क्योंकि विवादित नेता आज़म ख़ान यहाँ से 9 बार विधायक रह चुके हैं। वह 1980-1995 और 2002-2019 तक रामपुर के विधायक रहे हैं। इसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए वह कई बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे और सरकार में अक्सर उन्हें मुलायम परिवार के बाद दूसरा सबसे प्रभावी नेता माना गया।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 29, 2019
उधर भाजपा ने भारत भूषण गुप्ता को रामपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है। उनका सामना 3 प्रमुख दलों के मुस्लिम उम्मीदवारों से होगा। कॉन्ग्रेस ने अरशद अली ख़ान गुड्डू और बसपा ने जुबैर मसूद ख़ान को टिकट दिया है। रामपुर विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को उपचुनाव होगा और 24 अक्टूबर को मतगणना होगी। इस विधानसभा क्षेत्र की एक ख़ास बात यह है कि यहाँ हुए अब तक के 17 चुनावों में हरेक बार मुस्लिम उम्मीदवारों की ही जीत होती आई है। अगर भाजपा के उम्मीदवार इस बार जीतते हैं तो वह इस क्षेत्र के पहले हिन्दू विधायक होंगे।
उत्तर प्रदेश में एक चुनाव में बुरी हार के बाद अब महागठबंधन बिखर गया है क्योंकि सपा, बसपा और कॉन्ग्रेस- तीनों ही अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में आज़म ख़ान से पराजित हो चुकीं जया प्रदा विधानसभा उपचुनाव में भी उनके ख़िलाफ़ प्रचार कर रही हैं। महिलाओं की एक सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने गाने भी सुनाए।
आज़म ख़ान ने 2019 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद यह सीट खाली हुई थी। आज़म पहली बार संसद बने हैं। आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला आज़म ख़ान भी विधायक हैं। उधर ख़बर आई है कि आज़म खान के वकील ने कहा है कि वह बीमार हैं और रामपुर से बाहर जाकर इलाज कराना चाहते हैं। वकील ने कहा है कि आज़म की सेहत ख़राब हो गई है और वह इस वक़्त रामपुर में नहीं हैं। उन्होंने थाने में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए 15 दिनों की मोहलत माँगी है। उनके ख़िलाफ़ अब तक 80 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।