कोरोना वायरस की चपेट में आए चीनी शहर वुहान में फँसे पाकिस्तानी छात्रों के एक समूह ने इमरान खान सरकार से उन्हें वहाँ से निकालने के लिए प्रयास करने का अनुरोध किया था लेकिन पाकिस्तान सरकार ने वायरस के खतरे के डर से उन्हें चीन से निकालने से मना कर दिया है।
इस पर पाकिस्तान ने कहा है कि वह चीन में फँसे अपने नागरिकों को नहीं निकालेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में फँसे पाकिस्तानियों में मुख्य रूप से छात्र हैं जो वुहान शहर में फँसे हुए हैं। वुहान चीन का वह शहर है जहाँ से यह महामारी चीन के बाकी हिस्सों समेत दुनियाभर के शहरों में पहुँची है।
चीन में कोरोना वायरस के कारण अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने नेशनल हेल्थ सर्विस पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक जफर मिर्जा के हवाले से बताया है कि सरकार अपने नागरिकों को चीन के वुहान शहर से नहीं निकालेगी।
The govt has decided not to repatriate Pakistani citizens stranded in China. “This is what the World Health Organisation is saying, this is China’s policy and this is our policy as well. We stand by China in full solidarity,” Special Assistant to PM on Health Dr Zafar Mirza. pic.twitter.com/IDBm1Qbhev
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) January 30, 2020
जफ़र मिर्जा ने कहा- “विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी यही चाहता है और चीन की भी ऐसी ही इच्छा है। हम भी इसी नीति के साथ हैं। हम पूरी एकजुटता से चीन के साथ खड़े हैं। चीन की सरकार ने इस महामारी को वुहान शहर तक सीमित रखने की कोशिश की है। ऐसे में यदि हम गैरजिम्मेदारी से काम करते हैं और अपने लोगों को वहाँ से निकालना शुरू करते हैं तो यह महामारी जंगल की आग की तरह पूरी दुनिया में फैल जाएगी। “