लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल के आँकड़ों से डरी-सहमी असंतुष्ट विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाए जाने को लेकर बुधवार को चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला दिया। चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों को उस माँग को खरिज कर दिया जिसमें वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट पर्चियों के मिलान की माँग की गई थी। चुनाव आयोग ने कहा कि वीवीपैट के मिलान की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा। हर विधानसभा की 5 वीवीपैट की पर्चियों का ईवीएम से मिलान होगा।
Election Commission rejects demands of opposition parties’ regarding VVPAT. More details awaited pic.twitter.com/zyxETDjWOE
— ANI (@ANI) May 22, 2019
ईवीएम एवं वीवीपीएटी के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कॉन्ग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग से यह आग्रह किया था कि मतगणना से पहले चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पर्चियों के मिलान की माँग की थी।
बता दें कि विपक्षी नेताओं की बैठक में कॉन्ग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल से डेरेक ओब्रायन, तेदेपा से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा एवं दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल एवं माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। जिनकी माँग को चुनाव आयोग ने ख़ारिज कर दिया।
इससे पहले मंगलवार को चुनाव आयोग ने मतदान के बाद ईवीएम को मतगणना स्थलों तक पहुँचाने में गड़बड़ी और उनके दुरुपयोग को लेकर विभिन्न इलाकों से मिली शिकायतों को शुरुआती जाँच के आधार पर गलत बताते हुए कहा था कि मतदान में प्रयोग की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनें ‘स्ट्रांग रूम’ में पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इस बीच चुनाव आयोग के दिल्ली स्थित मुख्यालय में ईवीएम संबंधी शिकायतों के तत्काल निस्तारण के लिए एक कंट्रोल रूम ने भी मंगलवार से काम करना शुरु कर दिया।
आयोग द्वारा जारी बयान के मुताबिक, निर्वाचन सदन से संचालित कंट्रोल रूम चुनाव परिणाम आने तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा। इसके जरिए ईवीएम की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि इससे पहले, चुनाव आयोग ने मतदान में इस्तेमाल की गई मशीनें, 23 मई को हो रही मतगणना से पहले नई मशीनों से बदलने के आरोपों और शिकायतों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताकर खारिज कर दिया था।