राजस्थान में गहलोत सरकार ने गुरुवार (सितंबर 5, 2019) को शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को भी भाजपा और कॉन्ग्रेस का बताकर दो गुटों में विभाजित कर दिया। ये विभाजन राज्य के शिक्षा मंत्री राज्यमंत्री गोविंद डोटासरा द्वारा किया गया। उन्होंने खुलेआम इस बात का ऐलान सबके सामने किया कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा वाले शिक्षकों को प्राइम पोस्टिंग से हटाया जाएगा और कॉन्ग्रेस का समर्थन करने वाले शिक्षकों को न्याय दिलवाया जाएगा।
कांग्रेस का ऐलान,कांग्रेस विचारधारा के शिक्षकों को मिलेगी प्राइम पोस्टिंग-
— संजीवनी (@sanjeevparmar02) September 6, 2019
अब टुकड़े टुकड़े गैंग,शान्ति दूत,पाक प्रेमी शिक्षको को कांग्रेस की प्रदेश सरकार स्पेशल सुविधा देगी. @INCIndia भूले बिसरे जो दोचार वोट तुम्हें इस देश में मिला उसके लिए माफ़ी?
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शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी कार्यालय में गुरुवार को आयोजित शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह में भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के शासन काल में राजनीतिक आधार पर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया गया और उन्हें स्थानांतरण करके दूर भेजा गया, उनसे दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी राज में यह निश्चित था कि जो व्यक्ति RSS से है, वह तो जयपुर और डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर पर रहेगा और जो कॉन्ग्रेस का कार्यकर्ता है वह 100 या फिर 500 किलोमीटर दूर जाएगा। इसलिए अब वह कॉन्ग्रेस समर्थित शिक्षकों को जल्द से जल्द 100 फीसदी न्याय दिलवाएँगे।
शिक्षक दिवस: शिक्षकों को बांटा बीजेपी-कांग्रेस में ? शिक्षा राज्यमंत्री ने दिया यह बयान https://t.co/GISomToSfa#TeachersDay2019 #TeachersDay #Education #Minister #education_minister #
— Goverdhan Chaudhary (@G_Chaudhary1) September 5, 2019
शिक्षा मंत्री के इस ऐलान के बाद वहाँ मौजूद शिक्षकों ने जिंदाबाद के नारे लगाए और शिक्षा मंत्री ने सबको संबोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का स्पष्ट रूप से ये कहना है कि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक आधार पर बहुत प्रताड़ित किया गया है। उनको न्याय मिलना चाहिए। इसलिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं की ट्रांसफर पोस्टिंग का अच्छे से ख्याल रखा जाए।
गौरतलब है कि राजस्थान में गहलोत सरकार के आने के बाद से जो स्थिति बनी है, वो किसी से छिपी नहीं है। कानून व्यवस्था से लेकर प्रशासन तक की हालत चरमराई हुई है। दलित से लेकर महिला और किसान तक उनकी राजनीतिक लड़ाइयों के कारण प्रताड़ित हो रहे हैं। ऐसे में अब उन्होंने शिक्षकों को दो हिस्सों में बाँटकर राज्य की शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठा दिया है।
राजस्थान में गहलोत सरकार आने के बाद वहाँ की क्या हालत है, इसे आप इस लिंक पर क्लिक करके विस्तार से पढ़ सकते हैं।- न दलित सुरक्षित न महिला, राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार बनते ही चौपट हुई कानून-व्यवस्था