हिंदू रक्षा दल और हिंदू छात्र संघ के सदस्यों ने सोमवार (22 नवंबर, 2021) को कछार में उपायुक्त कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपकर असम के कटिगोरा के महादेवटीला में एक हिंदू धार्मिक स्थल को अपवित्र करने वाले खासी ईसाई समुदाय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की। सौंपे गए ज्ञापन में हिन्दू संगठनों ने भविष्य में इस तरह के कामों को दोबारा दोहराने से बचने के लिए शिवलिंग और त्रिशूल को पहले की तरह स्थापित करते हुए लोहे की रेलिंग से घेरने की माँग की।
*RT Max, This need to be highlighted. No main stream Media is covering it*
— AbhishekkK (@Abhishekkkk10) November 23, 2021
Christian Khasi miscreants desecrated Hindu Religious site in the Mahadevtilla of Katigorah in Assam. They Uprooted Trishul & Shivling. Cut down the Sacred Banyan Tree. pic.twitter.com/2XToTjfrqM
बता दें कि जैसे ही यह खबर एक स्थानीय दैनिक स्थानीय समाचार पत्र में छपी, खबर ने हिंदू बहुल जिले में काफी आक्रोश पैदा कर दिया। खासी समुदाय, जिनमे ज़्यादातर लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है, कछार जिले के उत्तर में बरेल पहाड़ियों की तलहटी में रहता है। स्थानीय हिंदुओं के आरोपों के अनुसार, खासी लोगों ने हाल ही में एक बरगद के पेड़ को काट दिया और उस स्थान को अपवित्र कर दिया जहाँ अब 100 से अधिक वर्षों से शिवलिंग की पूजा की जाती थी। स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि खासी लोगों ने स्थानीय मणिपुरी हिंदुओं को उस स्थान पर फिर कभी पूजा करने के लिए नहीं लौटने की चेतावनी भी दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्थानीय मणिपुरी हिन्दू वहाँ पीढ़ियों से शिवलिंग की पूजा करते आ रहे हैं और हाल के दिनों में लगातार धर्मांतरण रैकेट के खतरे का सामना कर रहे हैं। हिंदू संगठनों ने खासी समुदाय के उपद्रवियों के इस तोड़फोड़ को इन पहाड़ियों से हिंदू धर्म के अंतिम कुछ निशान मिटाने और जबरदस्ती ईसाई धर्म स्थापित करने का प्रयास करार दिया है।
हिंदू रक्षा दल और हिंदू छात्र संघ ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर खासी समुदाय के अपराधियों को पकड़ने और शिवलिंग और त्रिशूल को फिर से स्थापित करने और हिंदुओं को उनके धार्मिक अधिकारों के तहत पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए फिर से पूजा शुरू करवाने की माँग की। ज्ञापन में कहा गया है कि अगर प्रशासन शिवलिंग को फिर से स्थापित करने और दोषियों को एक महीने के अंदर पकड़ने में विफल रहता है, तो वे बरेल रेंज की तलहटी में हिंदू धर्म को सुरक्षित करने के लिए अपने दम पर हस्तक्षेप करेंगे। हिन्दू संगठनों का कहना है कि हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक इसे वापस बहाल नहीं कर दिया जाता।