लोक सभा चुनावों के ठीक पहले कॉन्ग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद छोड़ कर शिव सेना में जाने वालीं प्रियंका चतुर्वेदी ने कॉन्ग्रेस को आईना दिखाते हुए ट्वीट किया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर लिखा गया पत्र ट्वीट करते हुए उन्होंने आज की कॉन्ग्रेस को कम्युनिस्ट और वामपंथी [(Commie/Left)”] करार दिया है।
Rewind to 1980 Congress versus 2019 Congress (Commie/Left).
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) October 17, 2019
Just putting it out here, for history enthusiasts. pic.twitter.com/HNHbkDmy7x
सावरकर थे ‘remarkable son of India’
प्रियंका द्वारा ट्वीट किए गए पत्र में इंदिरा गाँधी ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ संस्था के सचिव श्री पंडित बाखले को सावरकर की जन्म शताब्दी को लेकर उनकी योजनाओं के लिए सफलता की कामना की थी। साथ ही उन्होंने न केवल सावरकर को “भारत का विशिष्ट पुत्र” बताया था, बल्कि यह भी कहा था कि उनका ब्रिटिश सरकार से निर्भीक संघर्ष स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में अपना खुद का महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यह पत्र 20 मई 1980 का है, और इंदिरा गाँधी के हस्ताक्षर पत्र पर साफ़ देखे जा सकते हैं।
कॉन्ग्रेस के लिए असहज स्थिति
इंदिरा गाँधी का यह पत्र कॉन्ग्रेस के लिए असहज स्थिति है, क्योंकि पार्टी पिछले कुछ समय से सावरकर को साम्प्रदायिक और फासीवादी के अतिरिक्त ‘गद्दार’ और ‘कायर’ भी बताने में लगी है। अगस्त में कॉन्ग्रेस के दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं ने सावरकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने के अलावा उस पर जूतों की माला पहनाई थी। एनएसयूआई (NSUI) की राष्ट्रीय महासचिव सुरभि द्विवेदी ने ट्विटर पर लिखा था कि सावरकर की प्रतिमा उन स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा के साथ नहीं लगाई जानी चाहिए, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी। सुरभि ने लिखा था कि सावरकर अंग्रेजों को क्षमा याचिकाएँ लिखा करते थे।
ऐसे में कॉन्ग्रेस की 1947 के बाद की सबसे बड़ी नेत्रियों में गिनी जाने वाली इंदिरा गाँधी के शब्दों और अपने स्टैंड में साम्य समझा पाना कॉन्ग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगी।