साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस में एक आरोपित सलीम गाजी की पाकिस्तान में मौत हो गई। रविवार (16 जनवरी 2022) को मीडिया में आई जानकारी के अनुसार, सलीम की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई। वह लंबे समय से हाई बीपी व अन्य बीमारियों से ग्रसित था। आतंक की दुनिया में उसे दाऊद इब्राहिम व छोटा शकील का करीबी बताया जाता था।
The most wanted 1993 serial blast accused Salim Gazi, a member of the Dawood gang and close aide of Chota Shakeel died on Saturday in Karachi, Pakistan: Mumbai Police Sources
— ANI (@ANI) January 16, 2022
सलीम पर आरोप था कि वह सीरियल ब्लास्ट केस में धमाकों की योजना बनाने और उसे अंजान देने के काम में सक्रिय रूप से शामिल था और घटना को अंजाम देने के फौरन बाद छोटा शकील और दाऊद इब्राहिम के गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ देश छोड़ भाग गया था। इस ब्लास्ट में कम से कम 257 लोगों की जान गई थी जबकि 713 लोग घायल हुए थे। सलीम के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी था। इतने सालों में उसे इंटरपोल द्वारा पकड़ने का प्रयास किया जा रहा था मगर वो अपने ठिकाने बदलता रहता था। इस वजह से एजेंसियाँ सफल नहीं हुईं।
इस ब्लास्ट में शामिल एक अन्य आरोपित युसूफ मेनन की मौत भी पिछले साल दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। वह पूरे ब्लास्ट के मास्टरमाइंड टाइगर मेनन का भाई था। युसूफ का भाई टाइगर दाऊद इब्राहिम के साथ विस्फोट की साजिश में एक प्रमुख सह-साजिशकर्ता था और जब इब्राहिम ने रायगढ़ जिले के शेखादी तट पर आरडीएक्स को उतारने की व्यवस्था की, तो वह टाइगर ही था जिसने उन्हें मुंबई में ले जाने में गाड़ी की व्यवस्था की। युसूफ से पहले टाइगर के एक भाई याकूब मेनन को 2015 में फाँसी की सजा हुई थी।
उल्लेखनीय है कि 12 मार्च 1993 में मुंबई में सिर्फ दो घंटों के अंदर अलग-अलग जगहों पर 12 धमाके हुए थे। इन धमाकों में 257 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। 19 नवंबर 1993 में ये मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। 19 अप्रैल 1995 को मुंबई की टाडा अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। अगले दो महीनों में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। कुछ समय पहले इसी मामले में पुलिस ने आतंकी मुनाफ हलारी को गिरफ्तार किया था।