नेपाल के रौतहाट इलाके में बंधक बना कर काम करवाए जा रहे 38 भारतीय मजदूरों को मुक्त करवाया गया है। इसमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। ये सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के निवासी हैं जिन्हें ईंट के एक भट्ठे पर लगाया गया था। मजदूरों के लिए नेपाल के प्रशासन द्वारा बचाव कार्य बुधवार (9 नवम्बर 2022) को छेड़ा गया था। नेपाली पुलिस ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। सभी बंधुआ मजदूरों को भारतीय बलों के हवाले कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह बचाव कार्य परोहा नगर पालिका के अमन ईंट कारखाने पर चला है। मुक्त करवाए गए लोगों में कुल 20 पुरुष थे। बाकी 18 लोगों में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई एक सूचना के आधार पर की। मुक्त करवाए गए बंधकों को आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद बिहार में सीतामढ़ी जिले के बैरगनिया में SSB (सशस्त्र सीमा बल) के हवाले कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक नेपाल के इस इलाके में भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए सैकड़ों मजदूर काम करते हैं।
रौतहट प्रहरीद्वारा ३८ भारतीय नागरिकको उद्धारhttps://t.co/Swuq9Sx3Bz
— RatoPati (@Rato_pati) November 11, 2022
नेपाली मीडिया ने भी इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि अरुण सिंह नाम के एक पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में इस अभियान को अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि नेपाल में भारतीय मजदूरों को बंधक बनाने का ये पहला मामला नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013 में दक्षिणी नेपाल में नेपाली पुलिस ने 27 नाबालिगों सहित 64 भारतीय बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाया था।