अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते आतंक और मुल्क के प्रमुख प्रांतों पर उसके कब्जों के बीच वहाँ के राष्ट्रपति अशरफ गनी शनिवार (14 अगस्त 2021) को पहली बार सार्वजनिक तौर पर सामने आए। दरअसल, अमेरिका द्वारा अगस्त के अंत तक अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने के ऐलान के बाद से तालिबान एक-एक करके अफगानिस्तान के प्रांतों पर कब्जा करता जा रहा है।
अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पहले से रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश में तालिबान के हाथों बुरी तरह हार का सामना कर रही अफगान आर्मी को फिर से संगठित करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह अफगान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अशरफ गनी ने कहा, “मौजूदा स्थिति में सुरक्षा और रक्षा बलों को फिर से संगठित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस उद्देश्य के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।”
Afghan President Ashraf Ghani, in first public remarks in days after major Taliban advance:
— TRT World Now (@TRTWorldNow) August 14, 2021
– Remobilisation of armed forces top priority
– Holding consultations with local leaders and international partners pic.twitter.com/5Lz5EwUIcu
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार मौजूदा मानवाधिकार संकट को हल करने के लिए ‘स्थानीय नेताओं’ और ‘अंतरराष्ट्रीय भागीदारों’ के संपर्क में है। अफगान राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे पता है कि आप अपने वर्तमान और भविष्य के बारे में चिंतित हैं, लेकिन मैं आपको राष्ट्रपति के रूप में आश्वस्त करता हूँ कि मेरा ध्यान मेरे लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है। ऐसा करने के लिए मैंने सरकार के भीतर और बाहर, राजनीतिक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श शुरू किया है और मैं जल्द ही लोगों के साथ इसके परिणाम साझा करूँगा।”
राष्ट्रपति ने कहा कि वे देश में हत्याओं के लिए वह अफगानों पर युद्ध थोपने, पिछले 20 वर्षों में अर्जित लाभ को नष्ट करने, सार्वजनिक संपत्ति के विनाश और निरंतर अस्थिरता लाने की अनुमति नहीं देंगे।
राष्ट्रपति ने इस्तीफा देने से इनकार किया
पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि राष्ट्रपति आज (शनिवार 14 अगस्त 2021) अपना इस्तीफा दे देंगे और युद्धग्रस्त देश को अपने परिवार के साथ छोड़ देंगे। लेकिन, धारणाओं के विपरीत अशरफ गनी ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि तालिबान से सहानुभूति रखने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहले दावा किया था कि इस्लामी आतंकवादी संगठन गनी के कार्यालय छोड़ने तक बातचीत नहीं करेगा।
Afghan President Ghani hasnt resigned as was being speculated. He just talked about instability in the country. https://t.co/3cYm4OaT6v
— Sidhant Sibal (@sidhant) August 14, 2021
शुक्रवार को अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने राष्ट्रपति अशरफ गनी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था, “दृढ़ विश्वास और संकल्प के साथ यह तय किया गया कि हम तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे और हर तरह से राष्ट्रीय प्रतिरक्षा को मजबूत करने के लिए सब कुछ करेंगे। हमें अपने ANDSF (अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बल) पर गर्व है।”
In today’s meeting on national security chaired by Prz @ashrafghani it was decided with conviction & resolve that WE STAND FIRM AGAINST TALIBAN TERRORISTS & DO EVERTYHING TO STREGNTHEN THE NATIONAL RESISTANCE BY ALL MEANS AND WAYS. PERIOD. We are proud of our ANDSF.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 13, 2021
मानवीय संकट के कगार पर अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में तालिबान के हमले के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर मानवीय आपदा आई है। पिछले दो महीनों में तालिबान ने 2001 में सत्ता से बेदखल होने के बाद से अफगानिस्तान में किसी भी समय की तुलना में सबसे अधिक क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया है। रिपोर्टों के अनुसार, पिछले दो महीनों में 34 प्रांतों में युद्ध के कारण 60,000 से अधिक परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है। वहीं, कम से कम 17,000 परिवारों ने अफगान राजधानी काबुल में शरण ली है, जो सुन्नी पश्तून विद्रोहियों ने घेर रखा है।