Wednesday, May 22, 2024
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कोलंबिया यूनिवर्सिटी से खींचकर बाहर निकाले गए फिलीस्तीन समर्थक, 100 से ज्यादा गिरफ्तार: कब्जा करके कर रहे थे तोड़फोड़, लगा रहे थे आजादी के नारे

जिस परिसर को पुलिस ने खाली कराया, वो हैमिल्टन हॉल की बिल्डिंग का था जहाँ इजरायली विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार देर रात कब्जा किया था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन लोगों ने बिल्डिंग के गेट को यूनिवर्सिटी के फर्नीचर और वेंडिंग मशीन के जरिए दरवाजे को बंद कर दिया था।

अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी को फिलीस्तीन समर्थकों से खाली करा लिया गया है। मंगलवार (30 अप्रैल 2024) रात को 100 से अधिक पुलिसकर्मी रैंप लगाकर यूनिवर्सिटी के परिसर में दाखिल हुए थे। उसके बाद गिरफ्तारियाँ हुईं और परिसर खाली कराया गया। परिसर हैमिल्टन हॉल की बिल्डिंग का था जहाँ इजरायली विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार देर रात कब्जा किया था।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन लोगों ने बिल्डिंग के गेट को यूनिवर्सिटी के फर्नीचर और वेंडिंग मशीन के जरिए बंद कर दिया था। वहीं खिड़कियों पर अखबार भी चिपका दिए थे ताकि अंदर क्या हो रहा इसके बारे में कुछ पता न चले। इसके बाद इन लोगों ने खिड़की से फिलीस्तीन का झंडा फहराया और वहाँ आजादी की नारेबाजी की थी।

इसके अलावा विश्वविद्यालय के लोगों ने ये भी जानकारी दी कि प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ करने का भी काम किया था जिसके बाद उन्हें परेशान होकर पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने इसके बाद बड़ी मशक्कत से सिटी कॉलेज से करीब 100 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।

वहीं यूनिवर्सिटी ने पुलिस से कहा कि वो 17 मई तक स्थिति पर ध्यान बनाए रखें। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने खुद इस संबंध में जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया है कि वे अब भी शहर के दूसरे इलाकों में प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए छानबीन कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया कि जिन लोगों ने हैमिल्टन हॉल को कब्जे में लिया था, वो वहाँ के छात्र नहीं थे इसलिए पुलिस बुलाई गई।

बताया जा रहा है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी में यह दूसरी बार है किसी प्रदर्शन की वजह से पुलिस दाखिल हुई। इससे पहले 30 अप्रैल 1968 को भी वियतनाम जंग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे करीब 700 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद यह मंगलवार को हुआ जब कैंपस में पुलिस के दाख़िल होने और गिरफ़्तारी किए जाने से क़रीब तीन घंटे तक अफ़रा-तफ़री का माहौल रहा। अभी भी पुलिस यूनिवर्सिटी के बाहर तैनात है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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