मिडिल-ईस्ट के ज्यादातर देशों में मुस्लिम लोग रमजान के महीने रोजा रखने से कतरा रहे हैं। इन दिनों जॉर्डन की राजधानी अम्मान के बार में सूर्यास्त के बाद एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। वहीं, ईरान की राजधानी तेहरान में ट्रैफिक के दौरान आपको लोग सिगरेट पीते हुए नजर आ जाएँगे। बताया जाता है कि मोरक्को के माराकेच में बड़ी संख्या में इस दिनों लोग ‘Raunchy massages’ कराते हैं।
रमजान के पवित्र महीने में जब मुस्लिमों को सुबह से शाम तक खाने, पीने और सेक्स से दूर रहने के लिए कहा जाता है। ऐसे में इन देशों में ये सभी काम खुलेआम किए जा रहे हैं। The Economist की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में रहने वाले कुछ लोग अब अरबी शब्द हराम के बाद ‘हरमदान (Haramadan)’ महीने का मजाक उड़ाते हैं। यानी ऐसी चीजें जो वर्जित हैं, जबकि अधिकांश मध्य पूर्वी राज्य अभी भी रमजान में कुछ चीजों करने को अपराध मानते हैं।
दरअसल, रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवाँ महीना होता है, जिसे इबादत का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। मुस्लिम लोग इस पूरे महीने में रोजा रखते हैं। सऊदी अरब मिस्र, कतर, इंडोनेशिया, मलेशिया, यमन और फिलीस्तीन और कई मुस्लिम देशों में रमजान का चाँद दिखने के बाद 2 अप्रैल, 2022 से रोजे शुरू हुए। कहा जाता है कि रमजान महीने में जो लोग रोजा रखते हैं, उन्हें सूरज डूबने के बाद होने वाली मगरिब अजान से पहले कुछ भी खाने या पीने की मनाही होती है। रोजे के दौरान सिगरेट पीना व जबरन उल्टी करने की सख्त मनाही होती है। इसके अलावा रोजा रखने वाले लोगों को गलत सोच व गलत गतिविधियों में शामिल होने पर पाबंदी होती है।
दशकों पहले मिडिल-ईस्ट देशों में रमजान के दौरान नियमों को तोड़ने पर लगाया जुर्माना, अब वहाँ पार्किंग के लिए लगाए गए जुर्माने से भी कम हो गया है, जिसके चलते कोई भी नियम मानने को तैयार नहीं होता है। जॉर्डन पर अधिकतम 25 दीनार (लगभग $35 यानी 2678 भारतीय रुपए) का जुर्माना है। वहीं ओमान में रोजे के दौरान नियम तोड़ने पर एक रियाल ($3 यानी 229 भारतीय रुपए) हैं। कहा जाता है कि अधिकारी ऐसे ज्यादातर मामलों में अपनी आँखें मूँद लेते हैं।
नजफ़ शहर के एक इराकी वकील कहते हैं, “वे सोशल-मीडिया से बहुत डरते हैं। रमजान में सिगरेट पीने और रोजे के दौरान मुस्लिम नियमों को तोड़ने के कई मामले कोर्ट में आते हैं।” हाल के वर्षों में जॉर्डन ने खाद्य और पेय पदार्थों को भारी कीमत पर बेचने के लिए रमजान लाइसेंस पेश किए। ऐसे में यहाँ कई मुस्लिम लोग रोजे रखने से कतरा रहे हैं। अम्मान में एक वित्तीय सलाहकार का कहना है कि उनके 25 सहयोगियों में से केवल दो ही रोजा रख कर रहे हैं।