पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना नस्लीय नरसंहार को अंजाम दे रही है। आज पूरा ग्वादर अशांत हो चला है। हर तरफ संगीनों का साया है। बलूचियों को देखते ही गोली मार दी जा रही है, विरोध करने वालों को अगवा कर गायब कर दिया जा रहा है। हजारों बलूची नागरिक गलत तरीके से डिटेन कर लिए गए हैं। हाल ही में प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की, जिसमें एक व्यक्ति की भी मौत हो गई, तो दर्जनों लोग घायल हो गए। यही नहीं, अब प्रशासन ने बलूच नेताओं को खुलेआम सफाए की धमकी भी दी है, जिसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई है।
अब इस मामले में ग्वादर के मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच ने आवाज उठाई है और ग्वादर में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों को दुनिया के सामने रखा है। महरंग ने बताया है कि ग्वादर को पूरी तरह से कैद कर लिया गया है, जिसकी वजह से न कोई शह में आ सकता है और न ही बाहर जा सकता है। दुनिया को संदेश देते हुए कहा कि सुरक्षा बल ग्वादर में स्थानीय लोगों पर गोलाबारी और गोलीबारी कर रहे हैं, जिससे किसी को भी शहर में प्रवेश करने या बाहर जाने से रोका जा रहा है। यही नहीं, ग्वादर में इंटरनेट भी बैन किया जा चुका है।
ग्वादर में कड़ाई तह से बढ़ गई है, जब से महरंग बलूच के नेतृत्व वाली बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने 13 जून, 2024 को कराची प्रेस क्लब में ‘बलूच नरसंहार’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। इसके बाद से महरंग बलूच और अन्य बीवाईसी नेताओं को उत्पीड़न और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार (27 जुलाई 2024) को स्थिति और भी खराब हो गई। महरंग बलूच ने कहा, “सेना ने बलूचिस्तान को सैनिक इलाके में बदल दिया है। हम बलोच लोग शांत हैं और शांति से ही विरोध कर रहे हैं। हम लोकतांत्रिक अधिकारों से आवाज उठा रहे हैं और बलूचों को बलूच नरसंहार के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार है।”
इस मामले में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली बलूचिस्तान सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ग्वादर में विरोध प्रदर्शन के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। महरंग ने कहा कि बीवाईसी ने कुछ घंटों के लिए सार्वजनिक सभा आयोजित करने की योजना बनाई थी, जिसमें पूरे राज्य से लोग शामिल होने वाले थे। लेकिन बलूचिस्तान सरकार और आतंकवाद निरोधक विभाग (CTD) ने कार्यकर्ताओं के घरों पर छापे मारना और बलूचों का अपहरण करना शुरू कर दिया है। अब तक 200 से ज़्यादा बलूचों को हिरासत में लिया जा चुका है।
A letter to Human Rights Organizations for their attention and intervention in safeguarding the rights of the Baloch people and ensuring justice.
— Mahrang Baloch (@MahrangBaloch_) July 24, 2024
Subject: BYC’s Workers Facing Life Threats and Imprisonments on Bogus Charges from Pakistani Authorities#BalochNationalGathering pic.twitter.com/FKYPydwMLX
मस्तुंग में धरने का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ता बेबर्ग बलूच ने कहा, “मस्तुंग में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें 14 लोग घायल हो गए, जबकि एक व्यक्ति की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। प्रांत के अन्य इलाकों, जिनमें दलबांडिन, मकरान, तुर्बत, मस्तुंग और ग्वादर शामिल हैं, में संचार सेवाएं बंद कर दी गई हैं और वहाँ के लोगों की स्थिति के बारे में कोई नहीं जानता। क्वेटा में भी धरना जारी है, स्थानीय लोग स्वेच्छा से बाजार बंद कर रहे हैं और विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। इस बीच, संचार पूरी तरह से कट गया है, और लोगों को नहीं पता कि ग्वादर में क्या हो रहा है।”
ग्वादर के जिला कलेक्टर ने महरंग बलूच को फोन पर धमकाते हुए कहा कि उन्हें और बीवाईसी नेतृत्व को गोली मारने का आदेश है। उन्होंने यह भी कहा कि जब मोबाइल सेवाएँ बंद हो जाएँगी, तो वे बीवाईसी नेतृत्व के खिलाफ अपना अभियान शुरू कर देंगे। तब से ग्वादर प्रांत के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कट गया है, और यहांँतक कि स्थानीय पत्रकारों या कार्यकर्ताओं को भी स्थिति के बारे में पता नहीं है। महरंग बलूच ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और कार्यकर्ताओं से राज्य की क्रूर हिंसा की निंदा करने और इस समय बलूचों के साथ खड़े होने की अपील की।
बता दें कि ग्वादर में पाकिस्तान चीन की मदद और पैसों से सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत पोर्ट बना रहा है। यहाँ हाईवे से लेकर कई प्रोजेक्ट हो रहे हैं, जिनका बलोच विरोध कर रहे हैं। बलोचों को कुचलने के लिए पाकिस्तान सरकार लगातार क्रैकडाउन कर रही है। यही नहीं, चीन के दबाव में बलूच प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना को काम पर लगा दिया गया है। हजारों बलोचों के गायब होने के मामले में लाखों बलोच प्रदर्शन भी कर रहे हैं, लेकिन चीन के दबाव में पाकिस्तान सरकार अपने ही लोगों को मारने से नहीं चूक रही है।