बता दें कि साल 2019 से बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यह नीति अपनाई थी कि हर साल पूजा से एक महीने पहले पद्मा नदी से 1,000 टन से अधिक हिल्सा भारत को निर्यात की जाएगी। 5 साल तक ऐसा किया भी गया। हालाँकि सरकार बदलने के बाद अब अंतरिम सरकार ने उस निर्णय को वापस ले लिया।
बांग्लादेश के पशु संसाधन मंत्रालय की सलाहकार फरीदा अख्तर ने हिल्सा की बढ़ती घरेलू माँग का हवाला देते हुए भारत में किए जाने वाले निर्यात को खारिज कर दिया। साथ ही वाणिज्य मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इस बार हिल्सा पकड़ने पर रोक हो।
'Fish Diplomacy' setback for India
— Mirror Now (@MirrorNow) September 13, 2024
In a shocking move #Bangladesh has banned the export of Padma Hilsa fish, also known as 'ilish', to India just a month before Durga Puja, a significant festival for Bengalis.
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मालूम हो कि कुछ दिन पहले बांग्लादेशी मछली निर्यातकों के साथ समन्वय करने वाले एसोसिएशन ने बांग्लादेश सरकार के सलाहकार तौहीद हुसैन को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि पिछले वर्षों की तरह इस बार भी हिल्सा के सीमित व्यापार की अनुमति दी जाए, मगर बांग्लादेश की ओर से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
एसोसिएशन के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने हालात देखते हुए बताया कि इस बार पद्मार इलिश (पद्मा नदी की हिल्सा) मिलना मुश्किल है। हिलसा मछली पकड़ने तक पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है ताकि मछली को अंडे देने का मौका न मिले।
इससे पहले साल 2012 में बांग्लादेश सरकार ने ऐसा बैन लगाया था लेकिन फिर 2019 में सद्भावना के तौर पर इस व्यापार को अनुमति दे दी गई। पिछले साल हिल्सा डिप्लोमेसी के तहत भारत को 1300 टन से ज्यादा हिल्सा मिली थीं वहीं 2021 में ये संख्या 1200 थी।
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का काम लगातार बांग्लादेश कर रहा है। 10 सितंबर को एक वीडियो सामने आई थी जिसमें एक व्यक्ति जिसे बांग्लादेश के गृहमंत्री का सलाहकार कहा जा रहा था वो हिन्दुओं को चेतावनी देते दिख रहा था कि वो मुस्लिमों की अजान से 5 मिनट पहले अपने पूजापाठ बंद कर दें वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा।