Sunday, September 1, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबैग में कुरान भरकर दुर्गा पूजा पंडाल में घुस रहा था शाह आलम, हावभाव...

बैग में कुरान भरकर दुर्गा पूजा पंडाल में घुस रहा था शाह आलम, हावभाव देख हिंदुओं ने पकड़ा: पुलिस ने ‘मानसिक बीमार’ बताकर छोड़ा

गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में इसी तरह इकबाल हुसैन ने दुर्गा मंदिर में बजरंग बली के चरणों में कुरान की एक प्रति रख दी थी। इसके बाद पूरे बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।

बांग्लादेश के चटगाँव में हिन्दू श्रद्धालुओं ने शनिवार (21 अक्टूबर 2023) एक मुस्लिम युवक को दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान की प्रतियों से भरे बैग को लेकर घुसते हुए शाह आलम को पकड़ा। उसे पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन पुलिस ने आलम को मानसिक तौर पर बीमार बताते हुए बिना जाँच के उसे छोड़ दिया। हालाँकि बाद में जब उसे छोड़े जाने की खबर सोशल मीडिया में वायरल हो गई तो पुलिस ने दोबारा से उसे हिरासत में ले लिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना चटगाँव के हथजारी इलाके की है। यहाँ के सोमपुरा इलाके में हिन्दू समुदाय ने श्रीश्री रक्षाकाली मंदिर में दुर्गा पूजा पांडाल लगाया था। 21 अक्टूबर को इस पांडाल में शाह आलम नाम का एक व्यक्ति रात के लगभग 8 बजे चुपके से बैग ले कर घुस रहा था। उसके हावभाव से पूजा उत्सव समिति के महासचिव गोबिंदा कांतिनाथ को शक हुआ। आलम को रोक कर उसकी तलाशी ली गई तो बैग में कुछ अन्य सामान के साथ कुरान की प्रतियाँ और मज़हबी किताबें भी मिली।

श्रद्धालुओं ने शाह आलम का नाम पूछा तो वह खामोश रहा। उसने खुद को पागल बताया। फ़ौरन ही इस मामले की जानकारी पुलिस को दी। हथाजारी थाने से आए सब-इंस्पेक्टर जसीम ने शाह आलम को हिरासत में ले लिया। पूजा उत्सव समिति के सदस्यों का आरोप है कि पुलिस ने बिना जाँच के ही आलम को मानसिक तौर पर कमजोर बता कर छोड़ दिया। दावा किया जा रहा है कि पुलिस की कस्टडी में भी आरोपित अजीब व्यवहार कर रहा था। पूजा समिति को आशंका है कि शाह आलम किसी गड़बड़ी की साजिश के साथ पंडाल में आया था।

आधिकारिक बयान में हथजारी पुलिस स्टेशन के प्रभारी एम डी मोनिरुज्जमान ने भी शाह आलम को मानसिक समस्या से ग्रसित बताया है। उन्होंने दावा किया है कि आलम के घर वालों ने उसके मेडिकल प्रमाण भी जमा किए हैं। इन सबूतों में 16 अक्टूबर 2023 को शाह आलम का ढाका के मेडिकल कॉलेज में इलाज करने का रिकॉर्ड भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि शाह आलम होरोशाल से चटगाँव आ कर दरगाहों, मस्जिदों और मंदिरों के आसपास घूम रहा था।

आलम माइजभंडार शरीफ नाम की दरगाह का अनुयायी भी है। लगभग 8 बजे हिरासत में लिए गए आलम को रात 11 बजे पुलिस ने छोड़ दिया। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। खुद पर सवाल खड़ा होता देख कर पुलिस ने रात लगभग 2 बजे फिर से शाह आलम को हिरासत में ले लिया। वह माइजभंडार शरीफ दरगाह इलाके में ही मिला। फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वो क़ुरान की प्रतियों से भरा बैग लेकर दुर्गापूजा पंडाल में क्यों गया था।

कोमिला के हिंदू विरोधी दंगे

गौरतलब है कि 13 अक्टूबर 2021 को इकबाल हुसैन नाम के एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने बांग्लादेश के कोमिला जिले में नानुअर दिघिर पार दुर्गा मंदिर में बजरंग बली के चरणों में कुरान की एक प्रति रख दी थी। इस घटना के बाद पूरे बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। तब हिन्दू समुदाय इस घटने में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा, लेकिन उनकी एक न सुनी गई थी।

इस हिंसा के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इन वीडियो में हिंदू समुदाय के घरों और मंदिरों को निशाना बनाती भीड़ को मूर्तियाँ तोड़ते और उन्हें तालाब में फेंकते देखा जा सकता है। बाद में पुलिस जाँच में इस घटना के पीछे एक मस्जिद के केयरटेकर इकबाल हुसैन की साजिश सामने आई थी। इकबाल को 21 अक्टूबर 2021 को गाज़ीपुर के टोंगी पुरबा पुलिस स्टेशन की टीम ने कॉक्स बाजार से विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया था। 3 मार्च 2023 को हुसैन को 16 महीने कारावास की सजा सुनाई गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -