अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने संस्मरण में कुछ भारतीय नेताओं, उनसे हुई बातचीत व उनसे संबंधित घटनाओं का उल्लेख किया है। इस संस्मरण में उन्होंने भारत में यूपीए कार्यकाल की प्रमुखता से चर्चा की है। उन्होंने राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी पर अपनी राय रखने के साथ मनमोहन सिंह से हुई मुलाकात को भी याद किया है।
उन्होंने अपनी किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड (A Promised Land)’ में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखा कि मनमोहन सिंह ने 26/11 के बाद पाकिस्तान पर हमला करने की माँग का विरोध किया, लेकिन उनका यह निर्णय उन्हें राजनीतिक तौर पर महंगा पड़ गया।
बराक ओबामा ने बतौर राष्ट्रपति साल 2010 में अपने भारत दौरे को याद करते हुए लिखा कि उस दौरान मनमोहन सिंह ने उनसे इस बात का जिक्र किया था कि मुस्लिमों के ख़िलाफ बन रही भावना ने भाजपा को मजबूत किया है।
Obama has said this in his memoir while recalling his conversation with Singh during his visit to India in December 2010. The first volume of the much-anticipated book, ‘A Promised Land’, hits the bookstores on Tuesday.https://t.co/pyG38eWQkz
— The Indian Express (@IndianExpress) November 16, 2020
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हुई अपनी मुलाकात पर लिखते हैं, “उन्हें (मनमोहन सिंह) डर था कि मुस्लिमों के ख़िलाफ बन रही भावना ने भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के प्रभाव को मजबूती दी है।” उन्होंने यह भी कहा था कि धार्मिक और एकजुटता का आह्वान जहरीला हो सकता है। ऐसे में राजनेताओं द्वारा इसका गलत लाभ उठाना भारत या किसी अन्य देश में मुश्किल नहीं है।
अपनी इस किताब में आगे ओबामा ने मनमोहन सिंह के लिए कई विशेषणों का इस्तेमाल करके उनकी तारीफ की, लेकिन साथ ही यह भी लिखा कि वह ये नहीं बता सकते कि मनमोहन सिंह के सत्ता में उदय ने भारत के लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व किया या यह केवल एक भ्रम था।
उन्होंने अपनी किताब में मनमोहन सिंह के पीएम बनने के पीछे की वजह पर भी अपनी राय रखी। ओबामा ने लिखा कि एक से अधिक राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोनिया गाँधी ने मनमोहन सिंह को सोच-समझ कर चुना होगा क्योंकि बुजुर्ग सिख होने के नाते उनके पास कोई राजनीतिक आधार नहीं था। इसके अलावा उनके 40 वर्षीय बेटे राहुल को भी उनसे कोई डर नहीं था, जिसे सोनिया गाँधी कॉन्ग्रेस पार्टी को संभालने के लिए तैयार कर रही थीं।
Obama has written this about Rahul Gandhi. How dare that amrikan undervalue our prince? 🤬 pic.twitter.com/6Gmnmfdvgo
— Rahul Roushan (@rahulroushan) November 12, 2020
उल्लेखनीय है कि आज यानी 17 नवंबर को इस संस्मरण के बाजार में आने से पहले इस पर एक समीक्षा NYT में प्रकाशित हुई थी। इस समीक्षा में राहुल गाँधी को लेकर जो बातें कही गई थीं, उसे पढ़ने के बाद हर जगह उनका मजाक बना था। इसके अनुसार, ओबामा ने उन्हें एक घबराए हुए और अनगढ़ छात्र जैसा बताया था।
उन्होंने राहुल गाँधी के लिए लिखा था, “उनमें एक ऐसे ‘घबराए हुए और अनगढ़ (Unformed- जो तराशा न गया हो)’ छात्र के गुण हैं, जिसने अपना पूरा पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और वह अपने शिक्षक को प्रभावित करने की चाहत रखता है, लेकिन उसमें ‘विषय में महारत हासिल’ करने की योग्यता या फिर जूनून की कमी है।”