ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ब्रिक्स का बड़ा विस्तार हुआ है। ब्रिक्स ने एक साथ 6 नए सदस्य देशों को अपने समूह में जोड़ा है। ब्रिक्स के साथ नए जुड़ने वाले देश अर्जेंटीना, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इथियोपिया और मिस्र हैं। इनकी सदस्यता 1 जनवरी 2024 से शुरू होगी।
इसी के साथ ब्रिक्स दुनिया में संयुक्त राष्ट्र के बाद सबसे बड़ी आबादी, सबसे ज्यादा जमीन, सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला समूह बन गया है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान मेजबान देश के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने इसकी घोषणा की, जिसका भारत समेत सभी सदस्य देशों ने स्वागत किया।
#BRICSza | H.E. President Ramaphosa . Johannesburg II Declaration adopted . The XV Summit has adopted guiding principles on the BRICS EXPANSION.Following countries invited to join .
— BRICSza (@BRICSza) August 24, 2023
Argentina
Egypt
Ethiopia
Iran
Saudi Arabia
UAE
To take effect from the 1st of January 2024 pic.twitter.com/OOa9uqCXqs
पीएम मोदी ने किया सदस्य देशों का स्वागत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि लगातार 3 दिनों तक चले विचार-विमर्श के बाद हम एक सकारात्मक नतीजे तक पहुँचने में सफल रहे हैं। भारत की ओर से मैं सभी नए 6 सदस्य देशों का स्वागत करता हूँ और उनके साथ भविष्य की साझेदारियों को लेकर बहुत आशान्वित हूँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपने साथियों अर्जेंटीना, इजिप्ट, इथिओपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई का स्वागत करता है।
Speaking at the BRICS Summit. https://t.co/n93U4Vbher
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2023
पीएम मोदी-शी जिनपिंग में हुई बात?
इस बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता तो नहीं हुई, लेकिन बैठक के दौरान ही दोनों आसपास कुछ बोलते दिखे। उस समय दोनों नेता कॉन्फ्रेंस के लिए अपनी-अपनी सीटों पर जा रहे थे। इस दौरान दोनों नेताओं ने सीमा पर तनाव को कम करने को लेकर चर्चा की।
#WATCH | Foreign Secretary Vinay Kwatra says, "Prime Minister had interactions with other BRICS leaders. In a conversation with President Xi Jinping of China, Prime Minister highlighted India's concerns on the unresolved issues along the LAC in the western sector of the… pic.twitter.com/37YoxHeuC4
— ANI (@ANI) August 24, 2023
डॉलर को मिलेगी चुनौती?
ब्रिक्स में शामिल देशों में भारत का चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों के साथ अच्छे संबंध हैं। जमीन के लिहाज से रूस, ब्राजील, चीन, भारत दुनिया के सबसे बड़े 7 देशों में से हैं, तो आबादी के लिहाज से चीन, भारत, इथिओपिया, सऊदी अरब, ब्राजील जैसे देश अग्रणी हैं। इनकी सामूहिक अर्थव्यवस्था दुनिया की दो तिहाई से भी अधिक है। वहीं, इस ब्लॉक में अधिकतर देशों के आपसी संबंध भी बेहतर हैं।
चीन अपनी मुद्रा युआन के माध्यम से डॉलर को चुनौती दे रही है, तो भारत रूपए के माध्यम से। रूस अपनी मुद्रा में लेन-देन कर रहा है, क्योंकि अमेरिका-ईयू के देशों ने उस पर बैन लगा रखे हैं। ऐसे में ये तीनों ही देश अपनी मुद्राओं में लेन-देन को बढ़ावा दे रहे हैं। यूएई में तो भारतीय रुपए में लेन देन शुरू भी हो गया है।
वहीं, सऊदी अरब जैसे देश भारत के पारंपरिक सहयोगी रहे हैं। फिर रूस की भारत-चीन से दोस्ती और अमेरिका से दूरी किसी से छिपी नहीं है। यही नहीं, भारत और चीन अगले चार वर्षों में दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से क्रमश: तीसरे और दूसरे स्थान पर होंगे। ऐसे में ब्रिक्स का विस्तार डॉलर के दबदबे को चुनौती देने वाला साबित हो सकता है।