पाकिस्तान की खैबर पैख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने पिछले दिनों स्कूली छात्रों के लिए बुर्का या अबाया अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। विरोध होने पर सरकार ने आदेश तो वापस ले लिया, लेकिन गुपचुप तरीके से इस पर अमल जारी है। इस प्रांत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ही सत्ता में है। इमरान खान न्यू पाकिस्तान का वादा कर सत्ता में आए थे।
पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार प्रांत के रुस्तम घाटी के एक गाँव में PTI के एक स्थानीय नेता ने स्कूली छात्राओं के बीच बुर्के बाँटे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने पूर्व जिला परिषद सदस्य मुजफ्फर शाह द्वारा दी गई रकम से रुस्तम घाटी के चेना गाँव के एक गर्ल्स मॉडल स्कूल में छात्राओं के बीच बुर्के वितरित किए।
केंद्रीय परिषद पालो धेरी चीना ग्राम पार्षद और पीटीआई नेता मुजफ्फर शाह ने 1 लाख रुपए के मूल्य के बुर्के खरीदे। जिसे स्कूली छात्राओं के बीच मुफ्त में बाँटा गया। मुजफ्फर शाह ने फोन पर द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा, “मैंने छात्राओं के लिए अबाया खरीदने का फैसला किया था, लेकिन फिर स्थानीय नेताओं के साथ परामर्श करने के बाद मैंने उनके लिए बुर्का खरीदा।” शाह ने बताया कि एक बुर्के की कीमत 1,000 रुपए है।
पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि पुराने पाकिस्तान में छात्राओं को लैपटॉप मिलते थे, जबकि नए पाकिस्तान में 1 लाख रुपए के मूल्य के बुर्के बाँटे जा रहे हैं।
In Purana Pakistan students used to get laptops, while in Naya Pakistan govt gives burqas to school girls. Burqas worth Rs100,000 distributed in a Mardan school. https://t.co/JdLjDWPpTk pic.twitter.com/KBTScLqVgX
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) October 5, 2019
शाह ने बताया कि प्रांत के मुख्यमंत्री से प्रेरित होकर उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि इससे छात्राओं के साथ छेड़छाड़ नहीं होगा और वे सुरक्षित रहेंगी।
खैबर पैख्तूनख्वा सरकार ने प्रांत में सरकार द्वारा संचालित किए जाने वाले शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं के लिए खुद को पूरी तरह ढकना अनिवार्य कर दिया था। उल्लेखनीय है कि प्रान्त के हरिपुर जिला शिक्षा विभाग ने सबसे पहले आदेश जारी किया था। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी प्राचार्यों और पब्लिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि छात्राएँ बुर्का या अबाया पहनें। हालाँकि बाद में यह आदेश वापस ले लिया गया। सीएम महमूद खान ने आदेश वापस लेने का निर्देश जारी करते हुए कहा था कि ऐसा सरकार की सहमति के बिना किया गया था।