चीन के अलग-अलग शहरों की सड़कों पर वामपंथी सरकार के खिलाफ उठा विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ चुका है। खबर है कि वहाँ सैंकड़ों छात्र बीजिंग के चाओयांग जिले में एकत्रित हुए जहाँ हर एंबेसी स्थित है। यहाँ उन्होंने अपना प्रदर्शन किया जो धीरे-धीरे चीन के अन्य शहरों और यूनिवर्सिटीज में भी फैलता दिखाई दिया। हालात देखते हुए प्रशासन भारी तादाद में पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
Hundreds of youngsters looking like students, workers gathered in Chaoyang district of Beijing where all the embassies are located – continuing the protest which has already gripped many cities & universities across china. Heavy police presence with reinforcements coming quickly. pic.twitter.com/eunO8oC5cn
— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) November 27, 2022
बीबीसी के पत्रकार को पीटा
इस बीच बीबीसी ने भी जानकारी दी कि रविवार को उनका एक पत्रकार चीन में हो रहे प्रदर्शन की कवरेज करने मौके पर पहुँचा थे कि लेकिन पुलिस ने वहाँ उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पत्रकार का नाम एड लॉरेंस हैं जिन्हें शंघाई में चल रहे प्रदर्शन की कवरेज करने पर पकड़ा गया।
कथिततौर पर पुलिस ने लॉरेंस को घंटों हिरासत में रखा। इस दौरान उन्हें पीटा गया, पुलिस द्वारा मारा गया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। बीबीसी ने अपने बयान में कहा भी, “यह देखना बहुत चिंताजनक है कि हमारे पत्रकार पर उस समय हमला हुआ जब वो बस अपनी ड्यूटी कर रहा था।”
BBC journalist in China Edward Lawrence detained by police while covering mass protests pic.twitter.com/Cz324gXSd5
— NOËL 🇪🇺 🇺🇦 (@NOELreports) November 27, 2022
बीबीसी ने बताया कि उनके पास इस घटना के संबंध में कहीं से कोई सफाई नहीं आई है बल्कि प्रशासन तो कह रहा है कि उन्होंने पत्रकार को उसके भले के लिए पकड़ा था ताकि उसे भीड़ में कोरोना न हो जाए। बीबीसी ने घटना के संबंध में विस्तृत सफाई माँगी है।
BBC says one of its journalists in China was arrested and beaten by police on Sunday while covering protests in Shanghai against the country's zero-Covid policyhttps://t.co/1d6l6HQlqa pic.twitter.com/9vEXSs1IYc
— AFP News Agency (@AFP) November 28, 2022
चीन की सड़कों पर उतरे लोग, शी जिनपिंग के खिलाफ नारेबाजी
उल्लेखनीय है कि चीन में लगे लॉकडाउन के बीच गुरुवार (24 नवंबर को हुए बड़े हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद शनिवार को वहाँ विरोध प्रदर्शन भड़का। सैंकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने चीन की वामपंथी सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की और अपना गुस्सा जाहिर किया। सामने आई वीडियोज को लेकर दावे किए गए कि लोगों ने वामपंथी सरकार को ललकारते हुए कुर्सी छोड़ने को कहा। लोग बोले- “कम्युनिस्ट पार्टी कुर्सी छोड़ो, शी जिनपिंग कुर्सी छोड़ों।”
China 🇨🇳
— James Melville (@JamesMelville) November 27, 2022
Protests are erupting across China as people have had enough of the draconian zero Covid lockdowns. This is what eventually happens when people power mobilises against oppressive governments that take away freedoms and human dignity. pic.twitter.com/NsZgZTxEYT
जीरो कोविड पॉलिसी पर भड़के चीनी लोगों ने यह भी कहा, “हमें पीसीआर टेस्ट नहीं करवाना, हमें आजादी चाहिए, लॉकडाउन खत्म करो, लॉकडाउन खत्म करो।” कथिततौर पर इस प्रदर्शन के दौरान आम जनता पुलिस के सामने ही नारेबाजी करती रही, जिसे पुलिस ने चुपचाप देखा। सोशल मीडिया यह नजारा देख लोग बोले कि शायद ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस भी हैरान थी जो दशकों से नहीं हुआ वो अब हो रहा है।
China protests: "Step down, Xi Jinping! Step down, Communist Party!" "Don't want dictatorship, want democracy!" Incredible. Simply incredible
— Paul Massaro (@apmassaro3) November 27, 2022