Saturday, July 27, 2024
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चायनीज मजदूरों ने पाकिस्‍तानी सैनिकों को जम कर पीटा, ‘ऊपर’ से आदेश आया – ‘पलट कर मत मारना’

पाकिस्‍तानी सैनिकों की चायनीज मजदूरों द्वारा थुराई के संबंध में वहाँ के लेफ्टिनेंट कर्नल इमरान कासिम ने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखा। लेकिन चायनीज मजदूरों पर कार्रवाई के बजाए सेना और सरकार के अधिकारियों ने खामोश रहने का आदेश दिया।

चीन के कर्ज में डूबे पाकिस्तान की हालत इस खबर से अच्छे ढंंग से समझी जा सकती है। परमाणु संपन्न देश (धमकी देते वक्त वो यही कहता है) की सेना को दूसरे देश के मजदूर सरेआम धो देते हैं, वो भी जम कर। और ऊपर के अधिकारियों से आदेश से क्या आता है – “कुछ मत करना, पलट कर मारने की सोचना भी मत।” यह आदेश निश्चित ही अंग्रेजी में था लेकिन उसके हिंदी अनुवाद का सार यही है।

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (CPEC) पर काम करने वाले चीन के मजदूरों ने पाकिस्तान के दो सैनिकों को खूब पीटा। पाकिस्‍तानी सेना के हवलदार असदउल्‍ला और सिपाही फजल-उर-रहमान को चीनी मजदूरों ने पीटा है।

पाकिस्‍तानी सैनिकों की चायनीज मजदूरों द्वारा थुराई के संबंध में वहाँ के लेफ्टिनेंट कर्नल इमरान कासिम ने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखा। लेकिन चायनीज मजदूरों पर कार्रवाई के बजाए सेना और सरकार के अधिकारियों ने खामोश रहने का आदेश दिया। ऊपर से जवानों को संयम बरतने की सलाह दी गई।

लेफ्टिनेंट कर्नल इमरान कासिम के लिखे लेटर के अनुसार, चायनीज मजदूरों और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच मारपीट की घटना 21 जुलाई की है। यह उन पाकिस्तानी सैनिकों के साथ हुआ, जिन्हें चार चायनीज मजदूरों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। लेटर में बताया गया कि सैनिकों के पास कोई ट्रांसलेटर नहीं था, जिससे यह विवाद मारपीट तक बढ़ गया।

हुआ यह कि चायनीज मजदूर चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (CPEC) के लिए काम कर रहे थे। तभी इनमें से एक (जिसे मीडिया रिपोर्ट में मजदूरों का लीडर बताया गया है), इस साइट को छोड़कर दूसरी साइट पर जाना चाहता था। लेकिन शायद सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी सैनिक बिना आदेश के उसे जाने देने के लिए तैयार नहीं थे।

सुरक्षा में लगे पाकिस्तानी सैनिक ने इस संबंध में आदेश के लिए आर्मी कैंप में फोन लगाने का फैसला किया। लेकिन सैनिकों के पास कोई ट्रांसलेटर नहीं था, इसलिए उसके कॉल करने से पहले ही संवाद की कमी के कारण चीनी मजदूरों ने मारपीट शुरू कर दी।

पहले भी हुआ है यह सब

जून 2019 में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी। तब दो बार चायनीज वर्कर्स की तरफ से पाकिस्तानी सेना की गाड़ियों के प्रयोग की बात कही गई थी। उस समय का मामला पाकिस्तानी सेना के लिए काफी शर्मनाक था। तब की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना की गाड़ियों से चायनीज वर्कर्स रेड लाइट एरिया (जिस्म के बाजार) जाते थे।

अब से दो साल पहले 2018 में भी ऐसा ही एक वाकया हुआ था। तब एक चायनीज इंजीनियर ने पाकिस्तान के पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की थी। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि एक नाराज चायनीज इंजीनियर पाकिस्तान की पुलिस की गाड़ी के बोनेट पर खड़ा है और हंगामा कर रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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