Wednesday, October 9, 2024
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निगरानी, जेल या फिर भाग गए हैं जैक मा: चीनी सरकार की आलोचना के बाद से लापता हैं अलीबाबा के संस्थापक

जैक मा ने चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की पिछले साल अक्टूबर में दिए गए भाषण की आलोचना की थी। इसी आलोचना के बाद उनका और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विवाद भी हुआ और इस विवाद के बाद से वो लगभग दो महीने से नजर नहीं आए हैं।

चीन के सबसे अमीर कारोबारियों में शुमार अलीबाबा ग्रुप के मालिक जैक मा पिछले दो महीने से गायब हैं। हालाँकि, अब चीनी मीडिया का कहना है कि जैक मा चीनी सरकार के सुपरविजन यानी, ‘देखरेख’ में हैं। ऐसे में, कयास लगाए जा रहे हैं कि जैक मा (Jack Ma) को गिरफ्तार कर लिया गया है या फिर उन्हें अनजान जगह पर नजरबंद कर दिया गया है। बड़ी और नामी हस्तियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी छुपाने का चीन का इतिहास रहा है, इसलिए आशंका लगाई जा रही है कि ‘सरकार की देखरेख’ (सुपरविजन) में होने का मतलब जेल हो सकता है।

जैक मा के व्यापार पर बीजिंग के आक्रामक तेवर के बाद, हांगकांग के ‘द एशिया टाइम्स’ ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेली’ के हवाले से कहा है कि उन्हें देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया गया है। पीपुल्स डेली ने नवंबर माह के एक अंश में यह भी कहा था कि जैक मा चीनी सरकार की नीतियों के बिना अलीबाबा को इतनी ऊँचाइयों तक नहीं ले जा सकते। जैक मा नवंबर, 2020 से किसी भी सार्वजनिक इवेंट या टीवी शो में नजर नहीं आए जिसके बाद उनके गायब होने की खबरें आने लगीं।

जैक मा करीब दो महीने से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखाई दिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जैक मा ने चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की पिछले साल अक्टूबर में दिए गए भाषण की आलोचना की थी। इसी आलोचना के बाद उनका और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विवाद भी हुआ और इस विवाद के बाद से वो लगभग दो महीने से नजर नहीं आए हैं।

कौन हैं जैक मा

चीन की बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार अलीबाबा के संस्थापक हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अलीबाबा चीन के मशहूर कारोबारी और अपने बोलने के लिए प्रसिद्ध जैक मा की है। वह कभी एक स्कूल में पढ़ाया करते थे और अब वह अरबपति कारोबारी हैं। अलीबाबा विश्व की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक है जिसके करोड़ों की संख्या में यूजर्स हैं। अलीबाबा का टर्नओवर भी अरबों में है। इसकी तीन मेन वेबसाइट टाउबाउ (Taobao), टीमॉल (Tmall) और अलीबाबा डॉट कॉम (Alibaba.com) है। अलीबाबा का ही एंट ग्रुप भी है, जिसने डिजिटल वॉलेट ‘अलीपे’ बनाया है, जो चीन में एक मोबाइल पेमेंट सिस्टम (मोबाइल वॉलेट) है। कंपनी ने भारत के पेटीएम में भी निवेश किया है।

दो महीने से लापता हैं अलीबाबा कंपनी के मालिक जैक मा, चीनी राष्ट्रपति से हुआ था विवाद

जैक मा के बनाए उनके टीवी शो ‘अफ्रीका के बिजनेस हीरो’ में भी जैक मा नजर नहीं आए हैं। कार्यक्रम में उनकी जगह किसी और शख्स को भेज दिया गया है। टीवी शो में शामिल नहीं होने पर अलीबाबा के प्रवक्ता ने कहा कि शेड्यूल को लेकर हुए विवाद की वजह से वे टीवी शो में शामिल नहीं हुए।

क्या है पूरा मामला

चीन की सरकार अलीबाबा ग्रुप पर मोनोपोली यानी एकाधिकार के गलत इस्तेमाल को लेकर तहकीकात कर रही है। अलीबाबा ने कहा था कि उन्हें एसएएमआर (SAMR) के जरिए एंट ग्रुप (Ant Group) को भी नोटिस भी भेजा गया है। यह जैक-मा की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा डॉट कॉम और फिनटेक एंपायर के लिए बहुत बड़ा झटका माना गया।

भारी पड़ा सरकार की आलोचना करना

माना का रहा है कि ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के मालिक जैक मा द्वारा सार्वजनिक तौर पर चीन के वित्तीय नियामकों और बैंकों का अलोचना करना भारी पड़ गया है। चीन सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बाद जैक मा की संपत्ति बीते दो महीने में 11 अरब डॉलर कम हो गई है। दरअसल, जैक मा ने चीन के वित्तीय नियामकों की इस बात के लिए लताड़ लगाई थी कि वो जोखिम लेना बिल्कुल पसंद नहीं करते।

उन्होंने चीन के बैंकों पर सूदखोर सेठों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया। उनका इशारा इस तरफ था कि चीनी बैंक बिना कोई चीज गिरवी रखवाए कर्ज नहीं देते। गौरतलब है कि चीन में ज्यादातर बैंक सरकारी हैं, इसलिए उनकी टिप्पणियों को सीधे सरकार के खिलाफ कही गई बात माना गया।

शुरू हुए जैक मा के बुरे दिन

इस भाषण के बाद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी भड़क उठी। जैक मा की आलोचना को कम्युनिस्ट पार्टी पर हमले के रूप में लिया गया। इसके बाद जैक मा के बुरे दिन शुरू हो गए। उनके कारोबार के खिलाफ तरह-तरह की जाँच शुरू कर दी गईं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर चीनी अधिकारियों ने जैक मा को झटका देते हुए पिछले साल नवंबर माह में उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया। 

चीन से बाहर नहीं जाने के आदेश

एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई थी कि जैक मा के एंट ग्रुप के आईपीओ को रद्द करने का आदेश सीधा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से आया था। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जैक मा को निर्देश दिए गए कि वह तब तक चीन से बाहर न जाएँ, जब तक कि उनके अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ चल रही जाँच को पूरा नहीं कर लिया जाता है।

अलीबाबा और एंट ग्रुप पर कार्रवाई

चीन ने जैक मा की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और उसकी वित्तीय कारोबार की शाखा एन्ट ग्रुप पर कार्रवाई शुरू की है। इस कार्रवाई को लेकर दुनिया भर में कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं, चीन के मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि उसने अलीबाबा के खिलाफ बाजार पर एकाधिकार कायम करने संबंधी कोशिशों को लेकर यह कार्रवाई शुरू की है। चीन सरकार की कार्रवाई से कंपनियों में ऐसा खौफ समाया है कि महज दो ही दिन में चीन की बड़ी कंपनियों को करीब 15 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। कुछ समय पहले जानकारों का मानना है कि यह बदले में की गई कार्रवाई ज्यादा लगती है।

आखिरी वक्त चीन की सरकार ने रोकी लिस्टिंग

चीन सरकार ने जैक मा को कमजोर करने के लिए हाल ही में नए बैंक एंट ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टिंग को रोक दिया था। इस कदम के पहले इस ग्रुप की कीमत 316 अरब डॉलर आँकी गई थी। एंट ग्रुप के आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) को जबर्दस्त कामयाबी मिल रही थी। चीन की नियामक संस्था ने लिस्टिंग रोकते हुए कहा था कि एंट ग्रुप को अपने कारोबारों में सुधार (रेक्टिफिकेशन) करने की जरूरत है। एंट ग्रुप दुनिया की सबसे बड़ी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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