Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयमस्जिद के आगे मरा जंगली सुअर फेंक फरार हुआ कार सवार, इमाम सोते रह...

मस्जिद के आगे मरा जंगली सुअर फेंक फरार हुआ कार सवार, इमाम सोते रह गए: स्वीडन में हंगामा, दुनिया भर के मुस्लिम विरोध में उतरे

घटना स्वीडन के स्कोवडे शहर की है। यहाँ 1 साल पहले एक मस्जिद खोली गई थी। स्माजो सहात ने आगे बताया कि जब उन्होंने मस्जिद के बाहर निकल कर देखा तो वहाँ एक मरा हुआ सुअर पड़ा था। सुअर जंगली था। आनन-फानन में यह खबर आसपास के मुस्लिमों तक पहुँच गई। बाद में उन्होंने घटना का खूब विरोध किया।

यूरोपीय देश स्वीडन में एक मस्जिद के बाहर मरा हुआ सुअर फेंके जाने की घटना सामने आई है। CCTV फुटेज में कार से आया एक अज्ञात व्यक्ति इस घटना को अंजाम दे गया। घटना से नाराज मुस्लिमों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। दुनिया भर से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आरोपित को गिरफ्तार करके कड़ी सजा की माँग की है। फिलहाल अभी तक आरोपित की पहचान या कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है। घटना मंगलवार (28 मई 2024) की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना स्वीडन के स्कोवडे शहर की है। यहाँ 1 साल पहले एक मस्जिद खोली गई थी जिससे अब लगभग एक हजार लोग जुड़ चुके हैं। मस्जिद का संचालन फिलहाल स्माजो सहात कर रहे हैं जिन्होंने बताया कि इस से पहले वहाँ किसी प्रकार की कोई धमकी नहीं आई थी। मस्जिद के CCTV फुटेज में यह घटना कैद हुई है। मंगलवार की देर रात एक व्यक्ति कार से मस्जिद के सामने रुका। उसने कुछ सामान फेंका और फिर कार ले कर फरार हो गया। सुबह कुछ लोगों ने स्माजो सहात को मस्जिद के बाहर कुछ पड़ा होने की जानकारी दी।

स्माजो सहात ने आगे बताया कि जब उन्होंने मस्जिद के बाहर निकल कर देखा तो वहाँ एक मरा हुआ सुअर पड़ा था। सुअर जंगली था। आनन-फानन में यह खबर आसपास के मुस्लिमों तक पहुँच गई। उन्होंने इस घटना का विरोध किया और पुलिस से आरोपितों को चिन्हित कर के कड़ी कार्रवाई की माँग शुरू कर दी। शिकायत स्वीडन के ही एक नस्लीय समूह के सदस्यों के खिलाफ दी गई है। पुलिस ने केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी। फिलहाल अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। स्वीडिश पुलिस ने इसे नफरत में की गई एक हरकत करार दिया है। इस हरकत से पूरी दुनिया के मुस्लिम समुदाय के लोगों में नाराजगी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -