अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए जून में होने वाले G7 समिट को सितंबर तक टालने का निर्णय लिया है। साथ ही इस समिट में भारत सहित अन्य देशों को भी शामिल करने की बात कही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं इस समिट को स्थगित कर रहा हूँ क्योंकि मुझे ये नहीं लगता कि दुनिया में जो चल रहा है, उसकी ये सही नुमाइंदगी करता है। यह देशों का बहुत ही पुराना समूह हो गया है।”
US President Donald Trump is postponing the G7 summit to September. He also says he wants to invite India, Australia, Russia, and South Korea to the meeting: US Media https://t.co/EDbjizijxu
— ANI (@ANI) May 31, 2020
जी-7 में दुनिया के सबसे बड़ी और संपन्न अर्थव्यवस्थाओं वाले देश शामिल हैं। अब नए देशों में भारत, रूस, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित करने की बात कही गई है। फिलहाल इस वक्त जी-7 में अमेरिका, इटली, जापान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन शामिल हैं।
वाइट हाउस प्रवक्ता ने नए देशों को शामिल करने को लेकर बताया कि ट्रंप अमेरिका के बाकी पारंपरिक सहयोगियों और कोरोना वायरस से प्रभावित देशों को लाना चाहते हैं। और चीन द्वारा फैलाए गए इस चीनी वायरस को लेकर चीन के भविष्य के बारे में बात करना चाहते हैं।
बता दें कि 46वाँ जी-7 शिखर सम्मेलन पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वॉशिंगटन में 10 से 12 जून के बीच करने की योजना थी। लेकिन कोविड-19 को मद्देनजर रखते हुए इसे आख़िरी जून तक बढ़ा दिया गया था। अब इसे सितबंर तक टाल दिया गया है।
हर साल जी-7 में शमिल देशों की अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और अर्थव्यवस्था को लेकर बैठक होती है। जिसमें कोई एक देश इसकी अध्यक्षता करता है। इस बार इसकी अध्यक्षता अमेरिका कर रहा है। इस सम्मेलन को आयोजन करने वाले देश अपनी तरफ से अतिथि के तौर पर किसी भी एक या दो देशों को आमंत्रित करते हैं। पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था।
जी-7 में फिलहाल 7 देश शामिल हैं, इसलिए इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है। ये समूह खुद को कम्यूनिटी ऑफ वैल्यूज यानी मूल्यों का आदर करने वाला समुदाय मानता है। स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र और क़ानून का शासन और समृद्धि तथा सतत विकास, इसके प्रमुख सिद्धांत हैं।