राकेश बी कित्तूरमठ नाम के एक भारतीय नागरिक दुबई में मुश्किलों में फँस गए हैं। उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्हें कथित तौर पर इस्लाम का अपमान करने के आरोप में जेल की सजा हो सकती है। उनकी गलती यह है कि उन्होंने फेसबुक पर भ्रम के शिकार मजहब के कुछ लोगों पर टिप्पणी की थी। दरअसल मजहब विशेष के कुछ टिक टॉक यूजर्स ने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि कोरोना वायरस को हराने के लिए पाँच टाइम नमाज पढ़ना काफी है। राकेश ने इस पर आपत्ति जाहिर की थी। राकेश Emrill Services नामक कंपनी में जॉब करते थे, जिसका मुख्यालय दुबई में है।
बता दें कि सोशल मीडिया इस तरह के कई वीडियो को वायरल किया जा रहा है, जिसमें समुदाय के लोगों द्वारा दावा किया गया है कि सोशल आइसोलेशन एक साजिश है। यह कोरोना वायरस से बचाव में कोई मदद नहीं करता। इसके साथ ही इसमें दावा किया गया कि दिन में पाँच बार नमाज पढ़ना कोरोना वायरस से बचने का एकमात्र उपाय है। कोरोना वायरस का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है और इसी को देखते हुए राकेश ने टिक टॉक यूजर्स द्वारा लोगों को बरगलाने पर आपत्ति जाहिर किया।
इसके बाद तो जैसे इस्लामवादियों और हिंदुओं से नफरत करने वाले लोगों के कमेंट्स की झड़ी लग गई, जैसे वो इसी ताक में बैठे थे। कोरोना वायरस से लड़ने में 5 बार नमाज पढ़ने का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों ने राकेश के कमेंट का स्क्रीनशॉट वायरल कर दिया। उनका कहना था कि राकेश ने इस्लाम का अपमान किया है। बाद में उन्हें उनकी नौकरी से निकाल दिया गया और उनके संगठन एमरिल सर्विसेज ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। कथित तौर पर इस्लाम का अपमान करने पर उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
Emrill Services के सीईओ स्टुअर्ट हैरिसन ने इस बाबत कहा, “कित्तूरमठ को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया गया है। उसे दुबई पुलिस को सौंप दिया जाएगा। हमारे पास ऐसे हेट क्राइम के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।” आगे उसने कहा, “हमारे पास 8,500 से अधिक कर्मचारी हैं इसलिए इसमें कुछ समय लग सकता है। हमने उसे निकाल दिया है। यदि वह अभी भी देश में है, तो उसे दुबई पुलिस को सौंप दिया जाएगा।”
कित्तूरमठ के खिलाफ शुरू की गई इस दंडात्मक कार्रवाई का समर्थन कॉन्ग्रेस के समर्थकों ने किया। इन्हीं कॉन्ग्रेस समर्थकों में से एक है- सेल्विन थॉमस। उसने राकेश के कमेंट को वायरल करने की कोशिश की और साथ ही दुबई पुलिस से उनके खिलाफ कार्रवाई की माँग की। इसके साथ ही उसने दुबई में भारतीय राजनयिक से उसे देश भेज देने की भी सिफारिश की।
इस्लामियों और हिंदू से घृणा करने वालों ने भी इस मौके को खूब भुनाया।
पूर्व पत्रकार इरेना अकबर, जिन्हें अक्सर भारत में हिंदुओं और दलितों के खिलाफ जहर उगलते हुए पाया जाता है, ने एक ट्वीट करते हुए लोगों से अपील किया कि अगर यूएई बेस्ड संघी द्वारा कोई भी “इस्लामोफोबिक” पोस्ट किया जाता है तो प्लीज गल्फ न्यूज के मजहर फारुकी को टैग करें। जिसके बाद ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जा सकती है। इरेना का दावा है कि मजहर भारतीय समुदाय विशेष के लिए एक बड़ी संपत्ति है।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि इस्लामी राष्ट्रों के पास ईशनिंदा के खिलाफ सख्त कानून हैं। इसका दुरुपयोग अक्सर दूसरे धर्म के लोगों को अपनी राय व्यक्त पर लिए टारगेट करने के लिए होता है। ये कानून मनमाने हैं और आम तौर पर तुच्छ मुद्दों पर दूसरे धर्म के लोगों को निशाना बनाने और परेशान करने के लिए एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।