मिस्र सरकार ने स्कूल में नकाब, बुर्का आदि पहनने पर रोक लगा दी है। अब स्कूल में लड़कियों को बाल ढँकने की अनुमति तो होगी, लेकिन वो अपना चेहरा ढँककर स्कूल नहीं आ सकतीं। वहीं, अमेरिका के फ्लोरिडा प्रांत ने नवंबर को ‘हिंदू विरासत माह’ घोषित किया है। यह फैसला हिंदुओं के योगदान को पहचानने के लिए किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिस्र के शिक्षा मंत्री रेडा हेगाजी ने नकाब पहनने के फैसले को लेकर कहा कि स्कूल के लिए नया ड्रेस कोड जारी किया जा रहा है। इसके तहत 30 सितंबर से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक वर्ष में लड़कियाँ नकाब पहनकर स्कूल नहीं आ सकतीं। उन्हें अपने बाल ढँकने यानि हेड स्कॉर्फ पहनने की अनुमति होगी, लेकिन चेहरा साफ दिखना चाहिए।
शिक्षा मंत्री रेडा हेगाजी ने यह भी कहा कि ऐसे मॉडल या चित्रों पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है, जो बालों को कवर करने को बढ़ावा देते हों। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना ऐसे कोई भी मॉडल या चित्र को नहीं लगाया जाएगा।
उन्होंने स्कूली छात्राओं के माता-पिता की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि अभिभावकों को अपनी बेटी के च्वॉइस के बारे में पता होना चाहिए। लड़की अगर हिजाब पहनती हो तो यह उसकी इच्छा से ही हो। इसके लिए उस पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाए।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि स्कूल बोर्ड छात्र एवं छात्राओं के यूनीफॉर्म के कलर को लेकर ट्रस्टी, छात्रों के माता-पिता और शिक्षकों मिलकर फैसला लेगा। इसमें स्कूल शिक्षा मंत्रालय भी सहयोग करेगा। इसका उद्देश्य छात्रों के बीच स्कूल में एकरूपता लाना है।
बयान में आगे कहा गया है, “अरबी भाषा, धार्मिक शिक्षा और सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक शिक्षा के शिक्षकों की भूमिका हर आयु वर्ग की छात्राओं को इसके लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करना होगा।” शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में सभी अभिभावकों को जानकारी देने के लिए कहा है।
गौरतलब है इससे पहले ऑस्ट्रिया, बोस्निया, हर्जेगोविना, कनाडा, फ्रांस, कजाकिस्तान, कोसोवो, किर्गिस्तान, रूस और उजबेकिस्तान जैसे कई देश स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब/नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।
नवंबर ‘हिंदू विरासत माह’ घोषित
दूसरी तरफ अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाले हिंदुओं को बड़ा तोहफा मिला है। फ्लोरिडा की ब्रोवार्ड काउंटी ने नवंबर को ‘हिंदू विरासत माह’ घोषित किया है। ब्रोवार्ड काउंटी ने योग, आयुर्वेद, ध्यान, भोजन, संगीत, कला समेत अन्य बहुत सारी चीजों को हिंदू धर्म के योगदान के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव पारित किया।
प्रस्ताव में हिंदू दर्शन की भी बात की गई है, जिसने राष्ट्रपति जॉन ऐडम्स, मार्टिन लूथर किंग जैसे सैकड़ों अमेरिकियों को प्रभावित किया। दरअसल, अमेरिका में रहने वाले हिंदुओं के संगठन (CoHNA) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी जानकारी शेयर की है। CoHNA हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का एक संगठन है।
#BREAKING: Broward County, Florida recognizes November as Hindu Heritage Month, along with Hindu contributions of Yoga, Ayurveda, meditation, food, music, arts and much more. It also acknowledges how Hindu philosophy has inspired and awed renowned Americans such as President John… pic.twitter.com/bjwrMAKcCO
— CoHNA (Coalition of Hindus of North America) (@CoHNAOfficial) September 12, 2023
नवंबर को ‘हिंदू विरासत माह’ घोषित करने के प्रस्ताव में कहा गया है, “हिंदू धर्म दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने धर्मों में से एक है। दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में 1.20 अरब से अधिक हिंदू रहते हैं। इनकी अलग-अलग परंपराएँ हैं। इन्हें सनातन धर्म भी कहा जाता है, जिसमें स्वीकृति, आपसी सम्मान, स्वतंत्रता और शांति महत्वपूर्ण है।”
इस प्रस्ताव में हिंदू धर्म में दिवाली के महत्व का भी जिक्र किया गया है। साथ ही कहा गया कि यह त्योहार बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। यह शांति, खुशी और नई शुरुआत का त्योहार है। यह लगभग 5000 वर्ष से हिंदू और विश्व के विभिन्न संस्कृतियों में इसे माना जा रहा है।
इस प्रस्ताव में हिंदुओं के योगदान के बारे में बताते हुए कहा गया है, “फ्लोरिडा का स्कूल बोर्ड ब्रोवार्ड काउंटी में हिंदुओं के महत्व और मूल्यवान योगदान को पहचानने और उसका उत्सव मनाने के लिए नवंबर को हिंदू विरासत माह घोषित करता है।”
बता दें कि CoHNA ने एक याचिका दायर कर ब्रोवार्ड काउंटी में दिवाली पर स्कूलों की छुट्टी घोषित करने की माँग की थी। इसके बाद यह फैसला लिया गया। इससे पहले जॉर्जिया भी अक्टूबर को ‘हिंदू विरासत माह’ घोषित कर चुका है।